ब्लू व्हेल गेम पर हाईकोर्ट हैरान, कहा- ये कैसा खेल, कोई इमारत से क्यों कूदेगा
हाई कोर्ट ने कहा कि यह समझा जा सकता है कि एक बच्चा खेल के प्रभाव में आकर उकसावे पर आत्महत्या कर ले, लेकिन एक वयस्क ऐसा कैसे कर सकता है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल चैलेंज से बच्चों की आत्महत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने कहा कि आखिर कैसे दुनिया भर में एक गेम खेलने के दौरान बच्चे खुद को चोट पहुंचा सकते हैं। 50 दिन तक खेले जाने वाले इस खेल के दौरान गेम का प्रशासक (एडमिन) बच्चों को अंत में आत्महत्या कर मौत को गले लगाने के लिए कहता है।
हाई कोर्ट ने जताई हैरानी
हाई कोर्ट ने कहा कि यह समझा जा सकता है कि एक बच्चा खेल के प्रभाव में आकर उकसावे पर आत्महत्या कर ले, लेकिन एक वयस्क ऐसा कैसे कर सकता है। कोई किसी व्यस्क को इमारत से कूदने के लिए कहेगा तो वह क्यों कूदेगा। हालांकि, खंडपीठ ने इंटरनेट पर इस गेम के संबंध पर उपलब्ध लिंक को हटाए जाने की मांग वाली याचिका पर तत्काल कोई आदेश देने से इन्कार कर दिया।
22 अगस्त को होगी सुनवाई
अदालत ने कहा कि वह पहले यह जानना चाहेगी कि इस संबंध में सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं। याचिका लगाने वाले वकील गुरमीत सिंह से हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या ऐसा कोई हादसा राजधानी में भी हुआ है। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार पहले ही फेसबुक, गूगल व अन्य वेबसाइट को इस गेम का लिंक अपने प्लेटफार्म से हटाने का आदेश दे चुकी है।
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