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अतिथि शिक्षकों के वेतन में भेदभाव कर रही दिल्ली सरकार: तिवारी

मनोज तिवारी ने शिक्षकों की समस्या सुनकर उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है और उनसे मिलने के लिए समय भी मांगा है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 03 Dec 2017 04:58 PM (IST)Updated: Sun, 03 Dec 2017 09:13 PM (IST)
अतिथि शिक्षकों के वेतन में भेदभाव कर रही दिल्ली सरकार: तिवारी

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली सरकार समान कार्य के लिए समान वेतन का निर्देश नहीं मान रही है। इस कारण शिक्षकों में रोष है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने शिक्षकों की समस्या सुनकर उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है और उनसे मिलने के लिए समय भी मांगा है।

मनोज तिवारी का कहना है कि दिल्ली सरकार के अधीनस्थ कई विभागों में और स्वयं शिक्षा विभाग में अस्थायी या संविदा पर रखे गए कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन के नियम से वेतन दिया जाता है परंतु उसी शिक्षा विभाग में कार्यरत अतिथि अध्यापकों को उसी दर से वेतन नहीं दिया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला

तिवारी ने इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया है। उनका कहना है कि जिस तरह जनवरी 2016 से समान कार्य समान वेतन लागू किया गया है ठीक उसी प्रकार से दिल्ली के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों को सातवें वेतन आयोग के आधार पर 1 जनवरी 2016 से समान कार्य समान वेतन के नियम से वेतन दिया जाना चाहिए।

अतिथि शिक्षकों के साथ भेदभाव

भाजपा नेता ने कहा कि 'मै उपराज्यपाल से मिलकर इस बाबत अपनी बात रखूंगा। मैं उनसे निवेदन करूंगा कि अतिथि शिक्षकों के साथ हो रहे भेदभाव से उनको मुक्त करवाने के लिए कार्रवाई करें जिससे अतिथि अध्यापकों को मान सम्मान के साथ समान कार्य समान वेतन मिल सके।' 

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