मनोज तिवारी बोले- अंगद बनने को तैयार, रावण को चुनौती देने में आता है आनंद
मनोज ने कहा कि इस बार रामलीला में मैं अंगद की भूमिका करूंगा क्योंकि मुझे रावण को चुनौती देने में आनंद आता है।

नई दिल्ली [जेएनएन]। राजनीति को रामायण के करीब होना चाहिए न कि महाभारत के। राजनीति यदि रामायण के करीब होगी तभी रामराज्य होगा। यह बातें भाजपा सांसद व भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित लवकुश रामलीला कमेटी की प्रेसवार्ता के बाद एक बातचीत में कहीं।
मनोज ने कहा कि इस बार रामलीला में मैं अंगद की भूमिका करूंगा क्योंकि मुझे रावण को चुनौती देने में आनंद आता है। आज भी तरह-तरह के रावण समाज व्याप्त हैं और हमें उनके खिलाफ लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि मेरे गायन, अभिनय की पाठशाला रामलीला रही है। दिल्ली की रामलीला से मेरा रिश्ता बन गया है। राजनीति में बैठे लोग रामलीला को आगे बढ़ा सकते हैं। किसी धर्म की लीला हो मैं उसमें सहयोग करूंगा।
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इस बार लवकुश रामलीला में अनूप जलोटा केवट की भूमिका कर रहे हैं जबकि गायक शंकर साहनी दशरथ की भूमिका में होंगे। मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा ने कहा कि मुझे खुशी है कि केवट की भूमिका मैं करूंगा केवट के भजन भी गाऊंगा।
लवकुश रामलीला कमेटी के प्रमुख अशोक अग्रवाल ने कहा कि अभी रामलीला में समय है लेकिन हम पहले से ही तैयारी कर रहे हैं। इस बार रामलीला में कुल 600 कलाकार दिल्ली के होंगे जबकि 60 कलाकार मुंबई से आएंगे। रामलीला का सेट बाहुबली के सेट से प्रभावित होगा और उसको उच्च तकनीक से तैयार किया जाएगा। प्रतिदिन सेट बदले जाएंगे। रोज छह घंटे की रामलीला होगी। इसे ग्लोबल बनाने के लिए इसका सीधा प्रसारण वेबसाइट पर होगा।
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स्क्रिप्ट राइटर, ड्रेस डिजाइनर, सेट, साउंड सभी बॉलीवुड के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जाएगी। हमारे पास दुनिया भर से लोगों के फीडबैक आ रहे हैं और बॉलीवुड के लोगों ने रामलीला में काम करने की इच्छा जताई है। इस रामलीला में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के छात्र भी हिस्सा लेंगे।
रामलीला महासंघ के अध्यक्ष सुखबीर शरण अग्रवाल ने कहा कि कलियुग के प्रभाव को रामायण से ही कम किया जा सकता है। आज दिल्ली में 800 से अधिक रामलीलाएं होती हैं। सभी रामलीलाओं को किस तरह से और प्रभावी बनाया जाए इसको लेकर हम प्रयासरत हैं।

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