दिल्ली पुलिस को अपने अधीन करने के लिए हाईकोर्ट जाएगी दिल्ली सरकार
राजधानी में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को देखते हुए केजरीवाल सरकार दिल्ली पुलिस को अपने नियंत्रण में लाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के बाद जल्द ही याचिका दायर करने की तैयारी है।
नई दिल्ली। राजधानी में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को देखते हुए केजरीवाल सरकार दिल्ली पुलिस को अपने नियंत्रण में लाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के बाद जल्द ही याचिका दायर करने की तैयारी है।
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केजरीवाल का केंद्र पर हमला
केजरीवाल सरकार का आरोप है कि केंद्र के नियंत्रण में काम कर रही दिल्ली पुलिस राजधानी में आपराधिक घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से असफल साबित हुई है।
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दुष्कर्म को लेकर केंद्र को घेरा
पांच दिन पहले दो बच्चियों के साथ हुई दुष्कर्म की घटनाओं ने सभी को झकझोर दिया था। इन घटनाओं के अगले ही दिन तीन अन्य बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुई। इसके बाद से दिल्ली की आप सरकार पुलिस के खिलाफ आक्रामक है। सरकार कानून बदलने तक की बात कर चुकी है।
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में मंत्री समूह गठित कर चुके हैं। यह समूह पता करेगा कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई कर सकती है। मुख्यमंत्री केजरीवाल यहां तक कह चुके हैं कि पूरी दिल्ली नहीं तो कम से कम यमुनापार की ही पुलिस दिल्ली सरकार को सौंप दी जाए।
उन्होंने दावा किया है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत पुलिस के आने पर वह अपराध कम कर देंगे। इसके अलावा सीएमएस-इंडिया करप्शन स्टडी-2015 की ताजा रिपोर्ट में भी कहा गया है कि दिल्ली पुलिस सबसे ज्यादा भ्रष्ट सरकारी एजेंसियों में से एक है।
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स्टडी में दिल्ली की 15 सरकारी एजेंसियों को शामिल किया गया था। सरकार इसे आधार मानकर भी पुलिस को अपने नियंत्रण में मांग रही है, लेकिन दिल्ली सरकार को इस बात का अहसास है कि केंद्र आसानी से पुलिस को सौंपने वाला नहीं है।
इसके मद्देनजर अदालत का सहारा लिए जाने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। सरकार इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रही है।