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JNU विवादः टीवी चैनल के वीडियो से खुलेगा देशविरोधी नारों का राज

जेएनयू में देशविरोधी नारों की जांच कर रही स्पेशल सेल ने कहा है कि सबसे बड़ा साक्ष्य एक टीवी चैनल के वीडियो फुटेज को माना जाएगा,जो 100 फीसद असली है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 09 Apr 2016 07:32 AM (IST)Updated: Sun, 10 Apr 2016 09:04 AM (IST)

नई दिल्ली (राकेश कुमार सिंह)। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई देशविरोधी गतिविधियों की जांच कर रही स्पेशल सेल ने कहा है कि इस मामले में सबसे बड़ा साक्ष्य एक निजी टीवी चैनल के वीडियो फुटेज को माना जाएगा। पुलिस का दावा है कि फुटेज 100 फीसद असली है। उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।

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जेएनयू में दाखिलों पर देशविरोधी विवाद का ग्रहण

इसमें आरोपी बनाए गए सभी छात्र देशविरोधी नारे लगाते हुए दिख रहे हैं। फुटेज की जांच के लिए उसे सीबीआइ की फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने का इंतजार है। इस रिपोर्ट पर न केवल दिल्ली पुलिस बल्कि केंद्र सरकार व जेएनयू प्रशासन की भी नजर टिकी हुई है।

रिपोर्ट आने में दो से तीन महीने का वक्त लग सकता है। इसके अलावा मोबाइल की कई क्लीपिंग भी जांच के लिए भेजी गई हैं।

मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद जांच आगे बढ़ाई जाएगी और आरोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी तथा आरोप पत्र दायर करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। चैनल के वीडियो फुटेज पर ही केस का भविष्य निर्भर है।

बीते नौ फरवरी की रात जेएनयू में जब संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, तब एक न्यूज चैनल को इसकी भनक लग गई थी। कार्यक्रम का आयोजन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के सहयोग से उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य सहित कई छात्रों ने किया था।

कार्यक्रम में जब देशविरोधी नारे लगाए जाने लगे तभी कैमरामैन ने कन्हैया समेत सभी की तस्वीरें कैमरे में कैद कर ली थीं। करीब 29 मिनट की फुटेज ने वामपंथी विचारधारा के छात्र-छात्रओं की पोल खोलकर रख दी थी।

पुलिस का कहना है कि वीडियो फुटेज के साथ छेड़छाड़ किए जाने की अफवाह फैलाने वाले लोगों ने यह नहीं सोचा कि सोशल मीडिया पर पहले इस तरह की अफवाह किसने फैलाई। इसमें कितनी सच्चाई है।

मामले को दबाने के लिए सोशल मीडिया पर पहले एडिट किया वीडियो अपलोड कर अफवाह फैलाई गई कि एक न्यूज चैनल लगातार छेड़छाड़ की गई फुटेज चला रहा है,जबकि वीडियो के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है।

दिल्ली पुलिस ने सीबीआइ से जल्द फोरेंसिक रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है। पुलिस का दावा है कि रिपोर्ट आने पर सभी बेनकाब हो जाएंगे। 1उल्लेखनीय है कि इस मामले की पहले दक्षिण जिला पुलिस जांच कर रही थी। बाद में इसकी जांच स्पेशल सेल को स्थानांतरित कर दी गई।


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