84' के दंगों के 32 वर्ष बाद इस कांग्रेसी नेता को आया माफी का ख्याल
चंडीगढ़ में जगदीश टाइटलर ने कहा कि इस मामले की जांच हो चुकी है और सीबीआइ भी उन्हें क्लीन चिट दे चुकी है। वह लिखित रूप में माफी मांगने को तैयार हैं।
नई दिल्ली। 1984 में हुए सिख दंगों के 32 साल के लंबे अंतराल के बाद दंगों के मुख्य आरोपी जगदीश टाइटलर को सिख समुदाय से माफी मांगने का ख्याल आया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने इस बाबत सिखों से माफी की इच्छा भी जता दी है। यह इच्छा उन्होंने चंडीगढ़ मेंं एक टेलीविजन इंटरव्यू के दौरान जताई।
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उन्होंने यह भी कहा कि उनका 1984 में हुए सिख दंगों से कोई भी ताल्लुक नहीं है और ना ही वह किसी भी रूप में इसमें शामिल थे। बावजूद इसके वह अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर लिखित रूप में माफी मांगने को तैयार हैं।
यहां पर याद दिला दें कि दिल्ली के दिग्गज कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर पर 1984 में सिख विरोधी दंगे फैलाने का आरोप है। भारी दबाव के बीच कांग्रेस पार्टी ने 2009 के आम चुनावों में उनसे उम्मीदवारी वापस ले ली थी। इसके बाद आज तक वे कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाए हैं। हालांकि वे कई बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर, 1984 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगा भड़क गए जिसमें आधिकारिक रूप से 2733 सिखों को निशाना बनाया गया। आरोप है कि 1984 में इंदिरा गांधी की मौत के बाद दिल्ली के वजीरपुर इलाके में टाइटलर ने दंगाइयों को भड़काया था।
चंडीगढ़ में उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच हो चुकी है और सीबीआइ भी उन्हें क्लीन चिट दे चुकी है, लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते उन्हें बार-बार इस मामले में फंसाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि जिस दिन इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी उस दिन वह अमेठी में थे जबकि 1 नवंबर को जब उनका संस्कार हुआ वह तब भी वहां मौजूद थे। दूरदर्शन से उस समय की रिकॉर्डिंग लेकर इसे देखा जा सकता है।
टेलीविजन को दिए अपने एक इंटरव्यू में जगदीश टाइटलर ने दावा किया कि उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह से मिलने के लिए समय मांगा है ताकि वह श्री अकाल तखत साहिब के सम्मुख पेश हो सकें।
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वहीं, जगदीश टाइटलर की माफी के प्रस्ताव पर सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व मैंबर अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कातिलों को माफी नहीं दी जा सकती और जगदीश टाइटलर के श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होने के बारे में भी उनका कहना है कि अकाल तख्त साहिब पर केवल सिख ही पेश हो सकते हैं किसी गैर सिख को पेश होने की इजाजत नहीं है।