जानें, अरविंद केजरीवाल के पूर्व मंत्री संदीप की सेक्स सीडी का यह पहलू
सूत्रों के मुताबिक, सीडी तैयार करने में विरोधी लोग करीब तीन-चार महीने से लगे हुए थे। वैसे जिस व्यक्ति ने यह सीडी मुख्यमंत्री तक पहुंचाई है... वह कांग्रेस से जुड़ा है।

नई दिल्ली (जेएनएन)। आम आदमी पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री संदीप कुमार की कथित सेक्स स्कैंडल से जुड़ी सीडी का खुलासा करने वाले ओम प्रकाश कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं। सूत्रों के मुताबिक, जिस व्यक्ति ने अरविंद केजरीवाल तक सीडी पहुंचाई है, वह इलाके का कांग्रेस नेता है। दो साल पहले तक वह संदीप का दोस्त था और साथ में बिजनस करता था। पैसे के लेनदेन को लेकर उनमें टकराव हुआ और मारपीट भी हुई। इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया। वहां मुकदमा चल रहा है।
कई महीने लगे सीडी बनाने में
सूत्रों के मुताबिक, सीडी तैयार करने में विरोधी लोग करीब तीन-चार महीने से लगे हुए थे। वैसे जिस व्यक्ति ने यह सीडी मुख्यमंत्री तक पहुंचाई है। उसका करीब डेढ़ साल से संदीप कुमार के साथ कोर्ट में मुकदमा चल रहा था। हालांकि इस सीडी की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूरी रणनीति के साथ संदीप कुमार को निशाना बनाया गया। उनसे खफा लोग करीब तीन-चार महीने से इस कोशिश में लगे थे कि संदीप कुमार को शिकंजे में लिया जाए।
संदीप कुमार जिस सीट से विधायक हैं वह कांग्रेस का गढ़ रही है। इसी कारण संदीप का इलाके के कांग्रेस नेताओं से पुराना टकराव था। कथित तौर पर लेनदेन को लेकर पहले भी उनकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचाई गई थी।
सूत्रों की माने इसके लिए कांग्रेस समर्थित लोगों ने जाल बुना, जिसमें संदीप फंस गए। सूत्र कह रहे हैं कि जिस सीडी में संदीप कुमार दिखाए गए हैं, वह दिल्ली में ही किसी कॉलोनी में बनाई गई है। उनके साथ जो दो लड़कियां दिखाई गई हैं, वे दिल्ली की न होकर, एनसीआर इलाके की बताई जा रही हैं और वे एक खास रणनीति के तहत कई महीनों से उनके कार्यालय पर मिलने आ रही थी।
अगली कार्रवाई के लिए करना होगा इंतजार
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संदीप का मामला आम आदमी पार्टी की अनुशासन कमिटी को भेज दिया है। वहां इस मामले की जांच होगी। अगर सीडी में संदीप दोषी पाए गए तो उन्हें पार्टी से भी निकाला जा सकता है।
सबसे बड़ी जीत से चर्चा में आए थे
34 साल के संदीप कुमार दिल्ली सरकार में सुल्तानपुर माजरा की आरक्षित सीट से चुने गए थे। उन्होंने 2015 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव 64,439 वोटों से जीता था। यह प्रतिशत के मामले में सबसे ज्यादा जीत का अंतर था। वह पहली बार 2013 में इस सीट से चुनाव लड़े थे, पर हार गए थे।

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