जल संकट की ओर बढ़ रही दिल्ली, भाजपा ने कहा- पड़ोसी राज्यों से बात करें सीएम
आगामी कुछ दिनों में दिल्ली को गंभीर जल संकट से जूझना पड़ सकता है। जलसंकट ज्यादा गहराया तो इससे दिल्ली की एक बड़ी आबादी प्रभावित होगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आगामी कुछ दिनों में दिल्ली को गंभीर जल संकट से जूझना पड़ सकता है। जलसंकट ज्यादा गहराया तो इससे दिल्ली की एक बड़ी आबादी प्रभावित होगी। इसके पीछे बड़ी वजह टिहरी जलाशय के जलस्तर में भारी गिरावट होना बताया जा रहा है।
पड़ोसी राज्यों से पानी की व्यवस्था करें सीएम : भाजपा
टिहरी बांध से दिल्ली को मिलने वाला 300 क्यूसेक पानी बंद होने की संभावना को देखते हुए भाजपा ने सीएम केजरीवाल को पड़ोसी राज्यों से पानी आपूर्ती की व्यवस्था करने को कहा है। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली की जनता को जलसंकट से बचाने के लिए सीएम को 300 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की व्यवस्था पड़ोसी राज्यों से करनी चाहिए।
गर्मी बढ़ने के साथ गांवों में गहराता जा रहा जल संकट
यहां पर याद दिला दें दिल्ली की आबादी 1 करोड़ 70 लाख है। इतने लोगों के लिए दिल्ली जल बोर्ड तकरीबन 385 करोड़ लीटर पानी रोज सप्लाई कर रहा है, वहीं दिल्ली वालों के लिए 500 करोड़ लीटर की रोज जरूरत है।
ऐसे में दिल्ली को करीब 115 करोड़ लीटर पानी कम मिल रहा है। दिल्ली में पानी के कनेक्शन 21 लाख हैं। ऐसे में हर व्यक्ति के हिस्से रोज़ 226 लीटर यानी 15 बाल्टी पानी आएगा।
तेजी से घटा टीहरी जलाशय का स्तर
बताया जा रहा है कि टिहरी जलाशय की क्षमता 835 मीटर है, जबकि इसका न्यूनतम रिजर्व वाटर लेवल (आरएल) 740 मीटर है। फिलहाल पानी का स्तर घटा है और यह 745 मीटर पर आ गया है। कहा जा रहा है कि ऐसे में यदि जलाशय का जलस्तर पांच मीटर और घट जाता है तो दिल्ली की जलापूर्ति प्रभावित होना तय है।
कहा जा रहा है कि एक दशक के दौरान ऐसा पहली बार हुआ है जब टिहरी बांध जलाशय में आरएल दस मीटर कम भर पानी भरा है। ज्यादातर अप्रैल के महीने में टिहरी झील का जलस्तर 760 मीटर के आसपास रहता है, लेकिन इस बार जलस्तर घटकर 745 मीटर से कम पर आ गया है।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में बर्फबारी में कमी के साथ बारिश से पानी के स्तर में 20 फीसदी की गिरावट आई है। टिहरी जलाशय से दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की 70 लाख आबादी को रोजाना 500 क्यूसेक पीने और दस हजार क्यूसेक सिंचाई का पानी मुहैया कराया जाता है।
इसमें रोजाना सिर्फ दिल्ली को ही 300 क्यूसेक पीने का पानी मिलता है। इसके पीछे माना जा रहा है कि हरिद्वाार और अर्धकुंभ के स्नान पर्वों पर अधिक पानी छोड़ने से भी जलस्तर कम हुआ है।
एक महीने के लिए पानी पर्याप्त नहीं
वर्तमान में न्यूनतम जलस्तर से पानी महज पांच मीटर ही ऊपर है। बताया जा रहा है कि यह पानी एक माह के लिए भी पर्याप्त नहीं है।