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गर्मी बढ़ने के साथ गांवों में गहराता जा रहा जल संकट

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट

By Edited By: Published: Mon, 18 Apr 2016 07:22 PM (IST)Updated: Mon, 18 Apr 2016 07:22 PM (IST)

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट भी गहराता जा रहा है। ऐसी स्थिति तब है, जब दिल्ली जल बोर्ड गर्मी में पेयजल किल्लत के समाधान के लिए विशेष ग्रीष्मकालीन कार्य योजना बनाने की बात कह रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस विशेष कार्य योजना का लाभ लोगों को नहीं मिलता दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल गर्मी में जिस तरह के हालात थे, उसी तरह के हालात इस बार भी पैदा हो रहे हैं। ग्रामीण इस स्थिति के लिए दिल्ली जल बोर्ड को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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ग्रामीण क्षेत्रों में नरेला, अलीपुर, पल्ला, झंगोला, ताजपुर, बख्तावरपुर, सुंगरपुर, टीकरी, खामपुर, तिग्गीपुर, बकौली, बुढ़प़ुर, ¨सघोला समेत कई गांवों व कालोनियों में इन दिनों पानी के संकट से लोग जूझ रहे हैं। इन गांवों के लोगों को जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिल पा रहा है। ये सभी गांव यमुना के नजदीक स्थित हैं और इनमें यमुना के पानी को ही रैनवेल के माध्यम से आपूर्ति की जाती है।

एक सप्ताह पूर्व तिग्गीपुर गांव में पाइपलाइन फटने के कारण इन इलाके में जलापूर्ति न केवल पूरी तरह से ठप हो गई थी, बल्कि खेतों में भी पानी भर गया था। दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पाइपलाइन की मरम्मत कर देने के बाद भी इलाके में पानी का संकट बरकरार है।

सालों से ठप पड़े हैं रैनीवेल

इन गांवों में पानी की आपूर्ति के लिए यमुना के प्रवेश द्वार पल्ला से जगतपुर तक करीब सौ रैनीवेल लगे हुए हैं, जिनके माध्यम से यमुना के पानी को शोधित कर लोगों के घरों तक आपूर्ति की जाती है, लेकिन इनमें आधे रैनीवेल पिछले तीन साल से ठप पड़े हैं। इन रैनीवेल की ऐसी स्थिति है कि इनके मोटर गायब हैं, तो पाइपलाइन भी टूटी पड़ी हैं। कहीं-कहीं तो रैनीवेल की देखभाल करने वाले कर्मचारी ही नियुक्त नहीं हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।

गर्मी में पानी का संकट न हो, इसके लिए कार्य योजना तैयार कर उस पर काम किया जा रहा है। टैंकरों की संख्या भी बढ़ाई गई है। जरूरत के हिसाब से टैंकरों से भी पानी की आपूर्ति की जा रही है। पाइपलाइन के फटने पर उसकी तुरंत मरम्मत की जाती है, जिससे पानी की आपूर्ति प्रभावित नहीं हो।

संजम चीमा, प्रवक्ता, दिल्ली जल बोर्ड


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