दादरी कांड : यूपी सरकार से नाराज ग्रामीण भड़के, कहा- 'संघर्ष नहीं अब रण होगा'
10 अप्रैल को साठा चौरासी महापंचायत का आयोजन होगा, जिसमें 144 गांवों के हजारों लोग हिस्सा लेंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने मामले में एकतरफा कार्रवाई की है।
नोएडा। बिसाहड़ा कांड की आग फिर से सुलगने लगी है। रविवार को गांव में आयोजित हुई पंचायत के दौरान निर्णय लिया गया है कि आगामी 10 अप्रैल को साठा चौरासी महापंचायत का आयोजन बिसाहड़ा गांव के संग्राम सिंह इंटर कॉलेज में किया जाएगा।
ग्रामीणों ने नारा दिया कि संघर्ष नहीं अब रण होगा, संघर्ष बहुत भीषण होगा। ग्रामीणों ने पूरी तरह से यह मान लिया है कि अब वह अपनी लड़ाई स्वयं लड़ेंगे। ग्रामीण सीबीआइ जांच की मांग को लेकर यह सब कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने मामले में एकतरफा कार्रवाई की है।
साठा चौरासी में 144 गांवों के हजारों लोग हिस्सा लेंगे। 18 सदस्यों की टीम साठा चौरासी महापंचायत के लिए गांव-गांव जाकर जनसंपर्क अभियान चला रही है। इसमें महिलाओं को मुख्य जिम्मेदारी सौंपी गई है। बता दें कि साठा चौरासी की महापंचायत के लिए नौ हजार पोस्टर छपवाए जा रहे हैं, जिसमें छह हजार बड़े व तीन हजार छोटे पोस्टर होंगे।
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर की रात बिसाहड़ा गांव में गोहत्या की सूचना पर इकलाख की पीट कर हत्या कर दी गई थी और उसके बेटे दानिश को अधमरा कर दिया गया था। घटना के बाद मामले में कुल 19 युवकों को आरोपी बनाया गया था।
पुलिस की जांच में एक युवक के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे, इस वजह से उसको क्लीन चिट दे दी गई थी। घटना के बाद से ही ग्रामीण आरोप लगा रहे थे कि प्रदेश सरकार मामले में एक तरफा कार्रवाई कर रही है। मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए।
मंदिर में जाने से रोका
निवार दोपहर शिव मंदिर में प्रशासन से वार्ता करने के लिए एकत्र हुए ग्रामीणों से प्रशासन ने मंदिर में आकर वार्ता करने से इंकार कर दिया। इस पर भड़के ग्रामीणों ने शनिवार रात मंदिर पर ड्यूटी देने के लिए आये पुलिस कर्मियों को मंदिर में नहीीं घुसने दिया। यह वही मंदिर है जहां से गोहत्या की सूचना लाउडस्पीकर से दी गई थी। बता दें कि साठा चौरासी पंचायत में साठ गांव शिशोदिया गोत्र व 84 गांव तोमर गोत्र के हैं।