कोयला घोटालाः कोर्ट ने सुरक्षित रखा चार्ज फ्रेम का आदेश
बहुचर्चित कोयला घोटाले में आज पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह आरोपियों को जांच की कॉपी मुहैया कराए।
नई दिल्ली। बहुचर्चित कोयला घोटाले में आज दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह आरोपियों को जांच की कॉपी मुहैया कराए।
इसके जवाब में जांच अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आरोपियों को 10,398 पेजों के कागजात मुहैया कराए हैं, जो सीडी की शक्ल में हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।
वहीं, कोयला घोटाले के अन्य मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के अलावा अन्य आरोपियों पर चार्ज फ्रेम करने को आदेश कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया। अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। विशेष जज भारत पाराशर मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
इससे पहले 1 जून को सुनवाई के दौरान नवीन जिंदल समेत कई आरोपियों की दलील थी कि वो शुरुआत से ही जांच में सहयोग कर रहे हैं और उन्हे जांच के वक्त गिरफ्तार नहीं किया गया।
कोर्ट के आदेश का वो आगे भी पालन करते रहेंगे। हालांकि पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव और पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने कहा कि इस आवंटन में उनकी भूमिका पीएमओ और कोयला मंत्री को जानकारी और दस्तावेज मुहैया कराने की थी।
कोयला घोटाले में इन सभी को आरोपी बनाते हुए स्पेशल कोर्ट ने 22 मई को पेश होने के लिए समन भी जारी किए थे। इससे पहले सीबीआई ने नवीन जिंदल, दसारी नारायण राव, एचसी गुप्ता और मधु कोड़ा समेत 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इन सारे आरोपियों को सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी बनाया।
सीबीआई ने झारखंड के बीरभूम के अमरकोंडा मुर्गदंगल कोल ब्लॉक आवंटन मामले में 2013 में एफआईआर दर्ज की थी। जांच एजेंसी के मुताबिक, आवंटन के लिए गलत जानकारियां दी गई थीं।
चार्जशीट में 10 लोगों के अलावा 5 कंपनियों - जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL), जिंदल रियलटी प्राइवेट लिमिटेड, जिंदल की ही गगन स्पांज प्राईवेट लिमिटेड और न्यू दिल्ली एक्जिम प्राईवेट लिमिटेड के साथ-साथ सौभाग्य मीडिया लिमिटेड को आरोपी बनाया गया।