1993 के इतिहास को दोहराने का मौका है युवा कप्तान कोहली के पास
युवा टीम इंडिया श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के अंतिम टेस्ट के लिए तैयार है। सीरीज में 1-1 की बराबरी के बाद अब बारी है निर्णायक मुकाबले की। जब कल (शुक्रवार) को एक बार फिर दोनों टीमें आमने-सामने होंगी तो युवा भारतीय कप्तान विराट कोहली के पास एक बेहतरीन मौका होगा
नई दिल्ली। युवा टीम इंडिया श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के अंतिम टेस्ट के लिए तैयार है। सीरीज में 1-1 की बराबरी के बाद अब बारी है निर्णायक मुकाबले की। जब कल (शुक्रवार) को एक बार फिर दोनों टीमें आमने-सामने होंगी तो युवा भारतीय कप्तान विराट कोहली के पास एक बेहतरीन मौका होगा इतिहास रचने का। वो बस अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीत की दहलीज पर खड़े हैं, वो भी कप्तान के तौर पर अपने पांचवें टेस्ट में और तीन टेस्ट मैचों की पूर्ण सीरीज में।
टीम इंडिया ने आखिरी बार 1993 में मोहम्मद अजहरुद्धीन की कप्तानी श्रीलंकाई जमीन पर कोई टेस्ट सीरीज जीती थी। अजहरुद्धीन की अगुआइ वाली उस टीम ने 1-0 से सीरीज में जीत दर्ज की थी। विराट कोहली ने अब तक चार टेस्ट मैचों में कप्तान की है जिसमें उनको सिर्फ एक में जीत मिली है। पिछले टेस्ट में श्रीलंका के खिलाफ उनकी कप्तान में भारतीय टीम ने न सिर्फ 278 रनों से विशाल जीत दर्ज की बल्कि सीरीज भी बराबर की, ऐसे में अगर विराट अंतिम टेस्ट में अपनी टीम को जीत तक ले जाने में सफल रहे तो उनका नाम सदा के लिए सुनहरे अक्षरों में लिख दिया जाएगा। पांच गेंदबाजों की रणनीति की आलोचना हो या फिर उनके खराब फॉर्म से जुड़ी चर्चाएं, अगर कोहली की अगुआइ में भारतीय टीम ने अंतिम टेस्ट जीता तो जाहिर तौर पर आलोचकों को करारा जवाब मिलेगा।