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आज दिल्ली डेयरडेविल्स का सामना पस्त सुपरजाइंट्स से

एक तरफ पस्त पुणे सुपरजाइंट्स हैं तो दूसरी ओर अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बेहद संतुलित दिख रही दिल्ली डेयरडेविल्स। दोनों के बीच आज फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में होने वाले मुकाबले में दिल्ली काफी मजबूत लग रही है।

By ShivamEdited By: Published: Thu, 05 May 2016 01:36 AM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 07:38 AM (IST)
आज दिल्ली डेयरडेविल्स का सामना पस्त सुपरजाइंट्स से

नई दिल्ली, [अभिषेक त्रिपाठी]। एक तरफ पस्त पुणे सुपरजाइंट्स हैं तो दूसरी ओर अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बेहद संतुलित दिख रही दिल्ली डेयरडेविल्स। दोनों के बीच आज फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में होने वाले मुकाबले में दिल्ली काफी मजबूत लग रही है।

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एकजुट है दिल्ली:

पिछले कुछ वर्षो में इस टीम के साथ सबसे बड़ी दिक्कत एकजुटता की दिख रही थी, लेकिन जहीर ने बड़ी कुशलता से अपनी युवा टीम को एकसूत्र में पिरोया है। इसका असर टीम के प्रदर्शन पर साफ दिख रहा है। जहीर ने खुद अपनी कप्तानी से प्रभावित किया है। अपने अपार अनुभव के दम पर वह बड़ी कुशलता से गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में बदलाव करते हैं। वह विरोधी खेमे के प्रत्येक बल्लेबाज के लिए रणनीति तैयार करके मैदान पर उतरते हैं। यही नहीं उन्होंने अपने युवा खिलाडि़यों को अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया। अब आलम यह है कि क्विंटन डिकॉक, ऋषभ पंत, संजू सैमसन, कार्लोस ब्रेथवेट, शाहबाज नदीम, क्रिस मौरिस जैसे कम अनुभवी खिलाड़ी दूसरी टीमों के मंझे हुए खिलाडि़यों पर भारी पड़ रहे हैं।

टीम ने दिखाया दम:

गुजरात लायंस के खिलाफ पिछले मैच में पंत और डिकॉक को ओपनिंग में उतारा गया और इन दोनों ने शानदार साझेदारी करके टीम को और संतुलित कर दिया, क्योंकि अभी तक टीम को सबसे बड़ी दिक्कत यहीं आ रही थी। डेयरडेविल्स ने अब तक सात मैचों में से पांच में जीत दर्ज कर ली है और वह दस अंक लेकर शीर्ष टीमों में अपना स्थान बनाए हुए है।

समस्याओं से घिरे धौनी:

कई नामी खिलाडि़यों के चोटिल होने के कारण कप्तान महेंद्र सिंह धौनी कुछ नहीं कर पा रहे हैं और उनकी टीम लगातार हार रही है। पुणे सुपरजाइंट्स को केविन पीटरसन, फॉफ डुप्लेसिस, मिशेल मार्श और बेहतरीन फॉर्म में चल रहे स्टीवन स्मिथ को गंवाना पड़ा है। ये सभी खिलाड़ी चोटिल होने के कारण स्वदेश लौट गए हैं। टीम को लगातार हार का सामना भी करना पड़ा है और उसके लिए आगे की राह कांटों भरी बन गई है। पुणे ने अब तक आठ मैच खेल लिए हैं, जिसमें से छह में उसे हार मिली है। यदि उसे चोटी की चार टीमों में जगह बनानी है तो आगे सभी मैच जीतने होंगे जो कि वर्तमान परिस्थितियों में आसान नहीं दिख रहा है।

लगातार बदल रही टीम:

धौनी एक ही एकादश के साथ खेलने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन लगातार चोट के कारण उन्हें लगातार संयोजन में बदलाव करने पडे़ हैं। अजिंक्य रहाणे शुरू से पारी का आगाज कर रहे हैं, लेकिन अब उनके साथ दूसरे छोर पर जिम्मेदारी कौन संभालेगा यह तय नहीं है। ऑस्ट्रेलिया से बुलाए गए नए बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, जिन्होंने टी-20 विश्व कप में अपनी टीम के लिए भूमिका निभाई थी। जॉर्ज बेली के रूप में टीम में एक और नया चेहरा जुड़ा है जिन पर मध्यक्रम को स्थायित्व प्रदान करने का एक और बड़ा जिम्मा होगा। रविचंद्रन अश्विन का गेंदबाजी में नहीं चल पाना सबसे बड़ी चिंता है। वह आठ मैचों में सिर्फ तीन विकेट ले पाए हैं। इशांत शर्मा और तिषारा परेरा काफी महंगे साबित हुए हैं।

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