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चार कैच छोड़ धौनी सेना ने की कंगारूओं को यह रिकार्ड बनाने में मदद!

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी सात एकदिवसीय मैचों की सीरीज के चौथे मुकाबले में मोहम्मद शामी ने भले ही भारतीय टीम को शानदार शुरुआत दिलाई हो। लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने मेहमान टीम के खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल और जार्ज बैली का दो-दो बार कैच छोड़कर जहां भारतीय गेंदबाजों के विकेट लेने के मंसूबों पर पानी फेरा वहीं कंगारूओं

By Edited By: Published: Thu, 24 Oct 2013 07:05 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2013 07:17 PM (IST)

नई दिल्ली। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी सात एकदिवसीय मैचों की सीरीज के चौथे मुकाबले में मोहम्मद शामी ने भले ही भारतीय टीम को शानदार शुरुआत दिलाई हो। लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने मेहमान टीम के खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल और जार्ज बैली का दो-दो बार कैच छोड़कर जहां भारतीय गेंदबाजों के विकेट लेने के मंसूबों पर पानी फेरा वहीं कंगारूओं को बड़ा स्कोर खड़ा करने में मदद की।

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अगर यह मैच बारिश की वजह से रद न हुआ होता तो भारतीय क्षेत्ररक्षकों की ओर से यह कैच छोड़ना महंगा पड़ सकता था। भारतीय खिलाड़ियों के कैच छोड़ने की वजह से जहां ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 295 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया वहीं मैक्सवेल और बैली ने पांचवे विकेट के लिए 153 रनों की रिकार्ड साझेदारी कर डाली। आइए हम आपको बताते हैं कि किन भारतीय खिलाड़ियों ने इन कंगारू बल्लेबाजों का कैच टपका कर मेहमान टीम की मदद की।

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जॉर्ज बैली: भारतीय टीम की ओर से छठां ओवर फेंकने आए मोहम्मद शामी की चौथी गेंद पर फिलिप ह्यूंज भारतीय कप्तान और विकेटकीपर धौनी को 11 रन के स्कोर पर कैच दे बैठे। फिलिप ह्यूंज के पवेलियन लौटने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जार्ज बैली बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आए। बैली के क्रीज पर आते ही धौनी ने स्लिप में तीन खिलाड़ियों को तैनात कर दिया। शामी ने ओवर की पांचवी गेंद फेंकी जो नए बल्लेबाज जार्ज बैली के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर थर्ड स्लिप में गई जहां विराट कोहली खड़े थे। लेकिन हड़बड़ी में वह गेंद तक पूरी तरह नहीं पहुंच सके और गेंद उनके हाथ को छूते हुए जमीन पर गिर पड़ी। बैली को भारतीय खिलाड़ियों ने दूसरा जीवनदान 19.2 ओवर में दिया जब विनय कुमार की गेंद पर मिड विकेट में खड़े अश्विन ने छोड़ दिया। उस वक्त बैली 35 रन बनाकर खेल रहे थे। ये दोनों कैच छूटने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और मैच में 94 गेंदों में 7 चौके और 3 छक्के की मदद से शानदार 98 रनों की पारी खेल अपनी टीम को मजबूती प्रदान की।

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ग्लेन मैक्सवेल: भारतीय टीम की ओर से 28वां ओवर फेंकने आए जयदेव उनाद्कट की छठीं गेंद को मैक्सवेल हवा में खेले बैठे। प्वाइंट पर खड़े युवराज सिंह ने बाए तरफ उछलकर यह कैच लेने की कोशिश की लेकिन उनका यह प्रयास विफल रहा। मैक्सवेल को यह जीवनदान 45 के स्कोर पर मिला। मैक्सवेल को दूसरा जीवनदान 35वें ओवर फेंकने आए रैना की चौथी गेंद पर मिला, जब लेट कट शॉट लगाने की कोशिश में उनके बल्ले का बाहरी किनार लेकर गेंद विकेट कीपर धौनी के पास गई लेकिन वे कैच नहीं ले सके। उस वक्त मैक्सवेल 88 रन के स्कोर पर थे। इस जीवनदान के बाद मैक्सवेल ने तेजी से रन बटोरने शुरु कर दिया । उन्होंने 77 गेंद में 6 चौके और 5 गगनचुंबी छक्के की मदद से शानदार 92 रन बनाकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को मजबूती प्रदान की।

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