Move to Jagran APP

श्रीनिवासन के चहेतों को दिए गए थे क्रेडिट कार्ड

शशांक मनोहर ने अध्यक्ष बनने के एक सप्ताह के भीतर ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआइ) को अपने कंट्रोल में लेना शुरू कर दिया है। फिलहाल उनके निशाने पर पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान आइसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन के कुछ चहेते हैं, जिन्हें क्रेडिट कार्ड मुहैया कराए गए थे, जिसकी लिमिट 30-30

By ShivamEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2015 09:02 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2015 09:13 PM (IST)
श्रीनिवासन के चहेतों को दिए गए थे क्रेडिट कार्ड

(अभिषेक त्रिपाठी), नई दिल्ली। शशांक मनोहर ने अध्यक्ष बनने के एक सप्ताह के भीतर ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआइ) को अपने कंट्रोल में लेना शुरू कर दिया है। फिलहाल उनके निशाने पर पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान आइसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन के कुछ चहेते हैं, जिन्हें क्रेडिट कार्ड मुहैया कराए गए थे, जिसकी लिमिट 30-30 लाख रुपये थी।

loksabha election banner

बीसीसीआइ पिछले दो साल में मुकदमेबाजी में 65 करोड़ रुपये फूंक चुका है। यही नहीं इस दौरान बीसीसीआइ के 353 करोड़ के फिक्स डिपॉजिट को भी खर्च कर दिया गया। अब मनोहर को पता चला है कि श्रीनिवासन के चहेतों तत्कालीन सचिव संजय पटेल, आइपीएल सीओओ सुंदररमन और वर्तमान कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को जो क्रेडिट कार्ड मुहैया कराए गए थे उसका भुगतान बीसीसीआइ करता था। बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि श्रीनिवासन के कार्यकाल में इन तीनों की चलती थी। बोर्ड के काम से बाहर जाने और अन्य खर्चो के लिए इन तीनों को क्रेडिट कार्ड दिया गया था। मनोहर को पता चला है कि इसके लिए सदन से कोई अनुमति भी नहीं ली गई थी।

क्रिकेट की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

फाइलें खंगालने से मनोहर को कुछ वित्तीय गड़बडि़यों की बू आ रही है और इन मुद्दों पर जवाब-तलब के लिए 17 अक्टूबर को मुंबई में बीसीसीआइ की वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई जा सकती है। जल्द ही मनोहर बैठक बुलाने की घोषणा करेंगे। बैठक में अगर सही जवाब नहीं मिला तो एफआइआर भी कराई जा सकती है।

जब इस बारे में चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बोर्ड के हर अधिकारी का एक इंट्रेस्ट एकाउंट होता है। मैं इसके चक्कर में नहीं पड़ना चाहता था इसलिए मैंने इसे नहीं खुलवाया। हमने तब बोर्ड में कार्ड सिस्टम शुरू किया था और इसके तहत अधिकारी बीसीसीआइ के काम के दौरान होने वाले खर्चे का भुगतान इसके जरिये करते थे। हालांकि वह ये नहीं बता पाए कि बीसीसीआइ के कामकाज के लिए सिर्फ सचिव, आइपीएल सीओओ और कोषाध्यक्ष को ही ये कार्ड क्यों इश्यू किए गए। अन्य अधिकारियों को ये सुविधा क्यों नहीं दी गई और इसके लिए पूरे सदन से अनुमति क्यों नहीं ली गई। चौधरी ने मनोहर के कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने सकारात्मक कदम उठाए हैं। मैं उन्हें खुद सब कुछ बता रहा हूं और सहयोग दे रहा हूं।

खेल जगत की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.