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सचिन को भारत रत्न देने के मामले में फैसला सुरक्षित

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिए जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आदेश सुरक्षित कर लिया है। मामले में याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई पूरी हो गई है।

By Edited By: Published: Mon, 25 Nov 2013 09:03 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2013 09:05 PM (IST)

लखनऊ, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिए जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आदेश सुरक्षित कर लिया है। मामले में याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई पूरी हो गई है।

न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा व न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की पीठ ने याचिकाकर्ता नूतन ठाकुर व अमिताभ ठाकुर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक पांडेय ने पीठ से कहा कि क्रिकेट का खेल देश की प्रगति व विकास में बाधक है। पद्म पुरस्कारों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश हैं कि यह किसको दिए जाएंगे तथा कौन लोग पात्र हैं, लेकिन भारत रत्न ऐसा पुरस्कार है जो किसी को भी दिया जा सकता है। केंद्र सरकार की ओर से एडीशनल सालीसीटर जनरल केसी कौशिक ने याचिका का विरोध करते हुए इसे खारिज किए जाने की मांग की। कौशिक ने अब तक भारत रत्न दिए गए पात्र लोगों की सूची भी दी। याचिका में कहा गया है कि भारत के महान लोग जैसे सम्राट अशोक, अकबर, कालीदास, कबीरदास, तुलसीदास आदि को यह सम्मान दिया जाना चाहिए जिससे इस पुरस्कार की गरिमा बनी रहे।

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