चयनकर्ता गगन खोड़ा को छोड़ना पड़ सकता है पद
बीसीसीआइ में सुधारवादी कदमों को लेकर न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर चयन समिति के संयोजन पर पड़ना तय है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। बीसीसीआइ में सुधारवादी कदमों को लेकर न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति के संयोजन पर पड़ना लगभग तय है। इसकी वजह से चयनकर्ता गगन खोड़ा को अपना पद समय से पहले छोड़ना पड़ सकता है।
चयन समिति में बड़ा फेरबदल तय है। क्योंकि मौजूदा अध्यक्ष संदीप पाटिल के अलावा विक्रम राठौर और सबा करीम का चार साल का कार्यकाल सितंबर में पूरा हो रहा है। नई चयन समिति तीन सदस्यीय होने की उम्मीद है। चयन समिति के दो अन्य सदस्य मध्य क्षेत्र के गगन खोड़ा और दक्षिण क्षेत्र के एमएसके प्रसाद हैं। इन दोनों को अक्टूबर, 2015 में नियुक्त किया गया था। पहले के नियमों के अनुसार इन्हें 2019 तक पद पर बने रहना था।
लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार, 'टेस्ट मैचों में सीनियर राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व खिलाड़ी ही इस समिति में नियुक्ति के पात्र होंगे। बशर्ते उन्होंने कम से कम पांच साल पहले संन्यास ले लिया हो। समिति के सदस्यों में सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने वाले को चेयरमैन नियुक्त किया जाएगा। खोड़ा इस पर खरे नहीं उतरते। क्योंकि उन्होंने दो वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच 1998-99 में खेले थे, जबकि उन्होंने कोई टेस्ट नहीं खेला है। प्रसाद की स्थिति थोड़ी बेहतर है। उन्होंने छह टेस्ट और 17 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल के एक करीबी सूत्र ने कहा कि निर्देशों के अनुसार खोड़ा को राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में अंतत: अपना पद छोड़ना ही होगा, लेकिन बीसीसीआइ संभवत: उन्हें छह महीने के लिए बनाए रख सकता है। क्योंकि बोर्ड को सिफारिशें लागू करने के लिए इतना समय मिला है।