आज क्रिकेट इतिहास में पहली बार होगा कुछ ऐसा, शुरू होगा नया सफर
टेस्ट क्रिकेट को नई बुलंदियों तक पहुंचाने की उम्मीद और वादे के साथ आज से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एडिलेड के मैदान पर गुलाबी गेंद से पहला आधिकारिक डे-नाइट टेस्ट मैच खेला जाएगा। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का यह अंतिम टेस्ट होगा। सीरीज में 1-0 से आगे चल
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। टेस्ट क्रिकेट को नई बुलंदियों तक पहुंचाने की उम्मीद और वादे के साथ आज से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एडिलेड के मैदान पर गुलाबी गेंद से पहला आधिकारिक डे-नाइट टेस्ट मैच खेला जाएगा। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का यह अंतिम टेस्ट होगा। सीरीज में 1-0 से आगे चल रही मेजबान ऑस्ट्रेलियाई टीम जीत के साथ सीरीज पर कब्जा जमाने उतरेगी, वहीं मेहमान कीवी टीम भी सीरीज ड्रॉ करवा कर ससम्मान घर वापस लौटना चाहेगी।
इस डे-नाइट टेस्ट मैच की आधारशिला 2009 में रखी गई थी, जब एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति ने टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने टिप्पणी की कि टेस्ट क्रिकेट मर रहा है। इसके बाद टेस्ट क्रिकेट में दर्शकों की रुचि को बरकरार रखने के लिए गुलाबी गेंद से डे-नाइट टेस्ट का सुझाव रखा गया। शुरुआत में इस सुझाव का बहुत से क्रिकेटरों व विशेषज्ञों ने माखौल उड़ाया, लेकिन आज करीब छह साल बाद, जब वह सुझाव जमीनी हकीकत में तब्दील होने जा रहा है उनमें से ही कई विशेषज्ञ और क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट के इस नए चेहरे को देखने के लिए उत्सुक नजर आ रहे हैं। अब वे भी मान रहे हैं कि टेस्ट क्रिकेट का नया अध्याय शुरू होने वाला है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच को देखने के लिए कई अधिकारी और देशों के बोर्डो के सदस्यों को आमंत्रित किया है।
टेस्ट नंबर 2188:
पहला टेस्ट लाल गेंद से खेला गया था और तब एक ओवर में चार गेंद हुआ करती थीं। टेस्ट नंबर 2188 में छह गेंदों का एक ओवर होगा और यह गुलाबी गेंद से खेला जाएगा। यानी 138 साल के क्रिकेट के इतिहास में पहली बार कोई टेस्ट मैच लाल गेंद के बगैर खेला जाएगा।
मिल जाएंगे कई सवालों के जवाब:
गेंद के चरित्र को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे यह कितनी स्विंग करेगी? क्या यह सीम करेगी? इसका रंग जल्दी तो नहीं उड़ जाएगा? क्या बल्लेबाज ढलती शाम में के खेल में इस गेंद को सही से देख पाएंगे? क्या दर्शकों को यह गेंद नजर आएगी? ऐसे ही कई सवालों का जवाब पहले दिन के खेल की समाप्ति के साथ मिल जाने की भी उम्मीद है।
गुलाबी गेंद के साथ भी स्टार्क खतरनाक:
मिशेल जॉनसन के संन्यास के बाद अब ऑस्ट्रेलियाई अटैक की अगुआई मिशेल स्टार्क को निभानी होगी। गुलाबी गेंद को लेकर वह अतीत में कई बार आलोचनात्मक टिप्पणी कर चुके हैं, लेकिन रिकॉर्ड देखा जाए तो स्टार्क गुलाबी गेंद के साथ काफी सफल रहे हैं। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने गुलाबी गेंद वाले दो डे-नाइट मैच खेले हैं और उनमें उन्होंने 13.80 की औसत से 15 विकेट चटकाए हैं।
किसने क्या कहाः
'मुझे खुशी है कि दिन रात का टेस्ट होने जा रहा है। मैं इसे स्वागत योग्य कदम देखता हूं। यदि यह प्रारूप चल निकलता है तो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह एक और क्रांति होगी। - कपिल देव, पूर्व भारतीय कप्तान
'यह क्रिकेटप्रेमियों के लिए रोमांचक समय है। वे सीधे स्टेडियम जा सकते हैं या अपने टीवी पर मैच देख सकते हैं। इतिहास गवाह रहा है कि खेल में थोड़े बहुत बदलाव हमेशा कामयाब रहे हैं। उम्मीद है कि यह टेस्ट क्रिकेट में नए युग की शुरुआत होगी।' - वीवीएस लक्ष्मण, भारतीय क्रिकेटर