आइपीएल में इन तीनों के बीच चल रही है जबरदस्त जंग, कौन निकलेगा आगे?
आइपीएल-9 धीरे-धीरे अपने रोमांचक दौर की ओर बढ़ रहा है। वहीं आंकड़ों, रिकॉर्ड्स और फैंस की उत्सुकता में भी रफ्तार और बदलाव देखने को मिल रहा है।
नई दिल्ली, (शिवम् अवस्थी) । आइपीएल-9 धीरे-धीरे अपने रोमांचक दौर की ओर बढ़ रहा है। वहीं आंकड़ों, रिकॉर्ड्स और फैंस की उत्सुकता में भी रफ्तार और बदलाव देखने को मिल रहा है। इसी बीच विश्व के तमाम दिग्गज खिलाड़ियों के बीच तीन भारतीय धुरंधरों के बीच एक शानदार जंग जारी है जिस पर अभी कम ही लोगों का ध्यान गया होगा। ये जंग है आइपीएल इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने की। कौन हैं ये तीन खिलाड़ी और इनकी ये जंग किस स्थिति में है, आइए जानते हैं।
- अमित मिश्राः
इन तीन धुरंधरों की दौड़ में अभी सबसे आगे हैं अमित मिश्रा। दिल्ली डेयरडेविल्स का ये धुरंधर अब तक आइपीएल इतिहास में 101 मैचों में 116 विकेट हासिल कर चुका है और विकेट लेने के मामले में वो आइपीएल में सिर्फ लसिथ मलिंगा से पीछे हैं। मलिंगा 143 विकेट लेकर शीर्ष पर मौजूद हैं लेकिन इस सीजन में वो चोट के कारण मुंबई इंडियंस की तरफ से नहीं खेल पाएंगे, ऐसे में मिश्रा के पास मौका है कि वो मलिंगा के जितना करीब जा सकें, उतना पहुंच जाएं।
- पीयूष चावलाः
मंगलवार को पंजाब के खिलाफ मोहाली में हुए मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स के पीयूष चावला एक विकेट लेकर इस सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं जबकि इन तीन भारतीय खिलाड़ियों की जंग में वो दूसरे नंबर पर हैं। चावला अब तक आइपीएल इतिहास में 115 मैचों में 113 विकेट ले चुके हैं और वो फिलहाल अमित मिश्रा से सिर्फ तीन विकेट दूर हैं।
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- हरभजन सिंहः
आइपीएल इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वालों की सूची में चौथा नाम है मुंबई इंडियंस के हरभजन सिंह का और इन तीन भारतीय खिलाड़ियों की जंग में वो फिलहाल तीसरे स्थान पर हैं। भज्जी ने अब तक आइपीएल इतिहास में 115 मैचों में 112 विकेट झटके हैं और वो अमित मिश्रा से 4 विकेट दूर हैं जबकि चावला से महज एक विकेट दूर हैं।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं दिख रहा तीनों का जलवाः
गौरतलब है कि आइपीएल सीजन 9 में अभी लंबी दौड़ बाकी है और इन आंकड़ों में बड़े उतार-चढ़ाव व बदलाव देखने को मिलेंगे लेकिन दिलचस्प चीज ये है कि तीनों ही खिलाड़ी भारत के हैं, तीनों स्पिनर हैं और तीनों को ही भारतीय क्रिकेट टीम से आए दिन बाहर का रास्ता देखने को मिलता रहता है। इन तीनों में एकमात्र हरभजन सिंह हैं जो हाल में सीमित ओवरों की टीम में कभी-कभी जगह बनाने में सफल रहे, हालांकि अश्विन और जडेजा की मौजूदगी में उनको भी शीर्ष-11 में खेलने का मौका कम ही मिला है।