लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू कराना चाहते हैं बेदी और कीर्ति
पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बीसीसीआइ में ढांचागत बदलाव की जस्टिस आरएम लोढ़ा की सिफारिशों को लागू किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बीसीसीआइ में ढांचागत बदलाव की जस्टिस आरएम लोढ़ा की सिफारिशों को लागू किया जाना चाहिए।
बेदी और कीर्ति ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) पर भी कथित गड़बडि़यों के लिए निशाना साधा, जिसके लंबे समय तक वित्त मंत्री अरुण जेटली अध्यक्ष रहे। 14 साल डीडीसीए के अध्यक्ष रहे जेटली ने 2013 में पद छोड़ा था।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति एफएमआइ कलीफुल्ला की पीठ से बेदी और कीर्ति और एक अन्य पूर्व क्रिकेटर समीर बहादुर के एडवोकेट मनीष तिवारी ने कहा, 'डीडीसीए और बीसीसीआइ में कुछ भी ठीक नहीं है। यहां गंभीर समस्याएं हैं, जिसका असर इन दोनों क्रिकेट संस्थाओं के कामकाज पर पड़ रहा है। इसीलिए जरूरी है कि जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों को लागू किया जाना जाए।' तिवारी ने कहा, 'डीडीसीए के कामकाज को लेकर उसके खिलाफ कई शिकायतें हैं। क्रिकेट मैचों को आयोजन को लेकर होने वाली धांधली की ओर तो कई बार ध्यान दिलाया जा चुका है।' उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस मुकुल मुद्गल को कोटला स्टेडियम में ैहुए भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट मैच के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया था। उन्होंने भी डीडीसीए की कई खामियों और वित्तीय गड़बडि़यों का उल्लेख अपनी रिपोर्ट में किया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि बीसीसीआइ का संविधान पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में पूरी तरह अक्षम है और इसे बदलकर ही इन लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। उसके मौजूदा ढांचे में बदलाव के बिना यह हासिल करना संभव नहीं है।