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कानूनी मसलों पर बीसीसीआइ ने खर्च किए 56 करोड़ रुपये

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने पिछले दो साल में कानूनी मसलों पर 56 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। बोर्ड की वित्त समिति की गुरुवार को यहां हुई बैठक में इसकी जानकारी दी गई। इसके अलावा बैठक में महिला क्रिकेटरों के लिए भी ग्रेड भुगतान प्रणाली शुरू करने का फैसला

By ShivamEdited By: Published: Fri, 22 May 2015 01:41 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2015 01:43 AM (IST)

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने पिछले दो साल में कानूनी मसलों पर 56 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। बोर्ड की वित्त समिति की गुरुवार को यहां हुई बैठक में इसकी जानकारी दी गई। इसके अलावा बैठक में महिला क्रिकेटरों के लिए भी ग्रेड भुगतान प्रणाली शुरू करने का फैसला किया गया है।

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कानूनी व्यय के पिछले दो साल में काफी बढ़ने के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता वाली वाली वित्त समिति ने मान्यता प्राप्त राज्य इकाइयों को दी जाने वाली बुनियादी ढांचे पर सब्सिडी 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये नहीं करने का फैसला किया है। यह भी पता चला है कि आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच करने वाली जस्टिस मुकुल मुदगल समिति को 1.5 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि बीसीसीआइ ने सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त जस्टिस लोढा समिति के लिए 3.90 करोड़ रुपये खर्च किए।

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मिताली राज, झूलन गोस्वामी जैसी महिला क्रिकेटरों को ग्रेड प्रणाली के तहत लाया जाएगा। साथ ही घरेलू क्रिकेट खेलने वाले जूनियर और ए टीम के खिलाडि़यों को भी अधिक धनराशि दी जाएगी।

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