भारत ने जो भी कोशिश की, उसमें नाकामी मिली
बहुत मुश्किल है उस एक कारण का पता लगाना कि भारत सेमीफाइनल में ं क्यों हार गया। यकीनन ओस एक कारण था और उस समय भारत टॉस हार गया। स्पिनरों के लिए गेंद की ग्रिप बनाना मुश्किल हो रहा था और वे पिच से कुछ नहीं कर पा रहे थे।
(वसीम अकरम का कॉलम)
बहुत मुश्किल है उस एक कारण का पता लगाना कि भारत सेमीफाइनल में ं क्यों हार गया। यकीनन ओस एक कारण था और उस समय भारत टॉस हार गया। स्पिनरों के लिए गेंद की ग्रिप बनाना मुश्किल हो रहा था और वे पिच से कुछ नहीं कर पा रहे थे। यहां तक कि तेज गेंदबाज भी लाचार दिख रहे थे क्योंकि इसका उन पर भी असर पड़ रहा था। जब रसेल और सिमंस ने छक्के मारना शुरू किया तो उनके लिए वेस्टइंडीज को रोकना मुश्किल था।
ऐसे में कोई भी कुछ नहीं कर सकता था। मेरा यकीन कीजिए, जब भारत ने 192 रन बना लिए थे तो हर कोई कह रहा था कि यह काफी स्कोर है और यह एकतरफा मैच होने वाला है। लेकिन यही वह जगह है जहां वेस्टइंडीज अलग दिख रही थी। अपनी मानसिकता की वजह से वे इस स्कोर को पार कर सके। वे स्वाभाविक तौर पर आक्रामक हैं और अच्छी तरह प्रहार कर सकते हैं।
सोचिए, सिमंस फ्लाइट से उतरे और बेहतरीन मैच जिताऊ पारी खेली। यह भारत का दुर्भाग्य था कि उस दिन उन्होंने जो भी कोशिश की उसमें नाकामी मिली। वेस्टइंडीज के खिलाड़ी आइपीएल के दौरान कई बार वानखेड़े में खेल चुके हैं। वे मैदान और पिच को जानते थे। उन्होंने बस पूरी स्थिति को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया।
तेज गेंदबाज धीमी गेंदों जैसे कुछ विकल्प आजमा सकते थे जैसा बुमराह ने किया। लेकिन एक समय बाद धीमी गेंद भी स्टैंड में ओझल हो रही थीं। मैच से पहले मैंने भारत की 55 प्रतिशत और वेस्टइंडीज की 45 प्रतिशत संभावना जताई थी। लेकिन तब मैंने पिच और ओस के बारे में नहीं देखा था। कई वजहों से मैं वेस्टइंडीज के लिए खुश हूं। वे टूर्नामेंट से पहले फेवरिट में से एक थे। उनके पोलार्ड और नरेन जैसे खिलाड़ी बाहर हो गए। लेकिन उन्होंने बहुत से मौके बनाए। इस साल वेस्टइंडीज टीम अच्छा कर रही है। उनकी अंडर-19 टीम ने विश्व कप जीता। पुरुष और महिला टीमें टी-20 विश्व कप के फाइनल में हैं। उनके लिए शुभकामनाएं।
(टीसीएम)