शहजाद को नहीं चुनना पाक की बड़ी गलती
भारत के साथ बांग्लादेश के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बाद पाकिस्तान व श्रीलंका के बीच शुक्रवार को होने वाला आखिरी लीग मैच महज औपचारिकता रह गया है। बांग्लादेश के हाथों पाकिस्तान की हार हैरान करने वाली है, क्योंकि उनके खिलाड़ी यहां आने से पहले पीएसएल के रूप में
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
भारत के साथ बांग्लादेश के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बाद पाकिस्तान व श्रीलंका के बीच शुक्रवार को होने वाला आखिरी लीग मैच महज औपचारिकता रह गया है। बांग्लादेश के हाथों पाकिस्तान की हार हैरान करने वाली है, क्योंकि उनके खिलाड़ी यहां आने से पहले पीएसएल के रूप में टी-20 लीग खेलकर आए थे। इन मैचों से निश्चित तौर पर उनकी एशिया कप की तैयारियां अच्छी होनी चाहिए थीं। एक बार फिर उनकी बल्लेबाजी ने निराश किया और एक अच्छी टीम के खिलाफ 140 से भी कम स्कोर पर आउट हो गए।
बांग्लादेश प्रीमियर लीग के बाद ही बांग्लादेश ने दिखा दिया था कि उनके प्रदर्शन में काफी ज्यादा सुधार हुआ है। इस फॉर्मेट के दिग्गज खिलाडि़यों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने के अवसर के अलावा उन्हें मिली सलाह से टीम की तस्वीर ही बदल गई है। दो साल पहले एशिया कप में भी यही देखने को मिला था, जहां उन्होंने पाकिस्तान को लगभग हरा ही दिया था। हो सकता है, उस समय उन्होंने कुछ ज्यादा ही सोच लिया था, लेकिन इस बार वे बेहतर तैयारी के साथ फाइनल में भारत का सामना करने उतरेंगे।
अहमद शहजाद को टीम में नहीं चुनना बहुत बड़ी गलती थी। वह स्तरीय खिलाड़ी हैं, जिनके पास धर्य भी है। शायद पीसीएल के दौरान वहाब रियाज के साथ शर्मनाक जुबानी जंग की वजह से उन्हें नहीं चुना गया। खर इसका जवाब तो सिर्फ पाक चयनकर्ता ही दे सकते हैं, लेकिन उनके जैसे अनुभवी व क्लास खिलाड़ी की कमी पाक को खली। पाकिस्तान को नेट से किसी भी अनजान खिलाड़ी को टीम में शामिल करने के लिए जाना जाता है, लेकिन ऐसा आमतौर गेंदबाजी में ही होता है। जहां हर चयन लगभग सफल ही रहता है। लेकिन बल्लेबाजी की बात करें, तो थोड़ा अनुभव होना जरूरी है। खासतौर से टी-20 जैसे तेज फॉर्मेट में। उन्हें उमर अकमल का भी बेहतर उपयोग करना चाहिए। नहीं तो वह ऐसे ही खिलाड़ी के रूप में जाने जाएंगे, जिनमें क्षमता तो है, लेकिन अभी तक खुद को साबित नहीं कर पाए।
श्रीलंका को भी यह सोचना होगा कि उन्होंने सही बल्लेबाजों को चुना है। बहुत सारे बल्लेबाज एक विशेष प्रारूप के बल्लेबाज हैं। इसलिए थिरिमाने और थरंगा जैसे बल्लेबाज मुश्किल से ही स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाते हैं। इस क्षेत्र में भारतीय टीम ज्यादा अच्छी दिख रही है। उन्होंने युवराज, रैना और नेहरा जैसे अपने अनुभवी खिलाडि़यों को वापस बुलाया। साथ ही बुमराह व पांड्या जैसे युवाओं को भी टीम में जगह दी। टीम में युवा जोश और अनुभवी खिलाडि़यों का शानदार मिश्रण है। कोहली, रोहित और अश्विन जैसे खिलाड़ी भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी उम्र भी 30 से कम ही है। इसलिए ऊर्जा से भरपूर हैं और मैदान में अपना सब कुछ झोंकने को तैयार हैं। अगर पाकिस्तान और श्रीलंका अपने प्रदर्शन से यह दिखाते हैं कि वे इस टूर्नामेंट में अच्छी याद के साथ विदाई लेना चाहते हैं, तो ऐसा करकेउन्हें काफी गर्व महसूस होगा।
(पीएमजी)