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गंभीर की टीम में गेंदबाजों का साम्राज्य

पिछले मुकाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स की आधी टीम गेंदबाजों से सजी हुई थी। मानो गेंदबाजों का तारामंडल हो, जिसमें स्विंग, स्पिनर, सीम, रेगुलर और चाइनामैन सभी शामिल थे। ऐसा लगा जैसे गौतम गंभीर की टीम में गेंदबाजों का साम्राज्य आ गया हो।

By sanjay savernEdited By: Published: Mon, 18 Apr 2016 10:48 PM (IST)Updated: Mon, 18 Apr 2016 10:50 PM (IST)

(रवि शास्त्री का कॉलम)

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पिछले मुकाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स की आधी टीम गेंदबाजों से सजी हुई थी। मानो गेंदबाजों का तारामंडल हो, जिसमें स्विंग, स्पिनर, सीम, रेगुलर और चाइनामैन सभी शामिल थे। ऐसा लगा जैसे गौतम गंभीर की टीम में गेंदबाजों का साम्राज्य आ गया हो।

जब सभी को लगा कि 20 ओवर में 10 विकेट निकालना काफी मुश्किल है। ऐसे में गंभीर ने अलग रणनीति अपनाई। उन्होंने टीम में गेंदबाजों की संख्या बढ़ा दी और उन्हें लगा कि ऐसा करने से टी-20 फॉर्मेट में भी दस विकेट झटकना संभव हो सकेगा। उन्हें सफलता भी मिली। महान वसीम अकरम की मौजूदगी से भी टीम को काफी मदद मिली है।

हालांकि शुरू से ऐसा नहीं था। आइपीएल के पहले सीजन की बात करें तो टीम में क्रिस गेल, रिकी पोंटिंग और ब्रेंडन मैकुलम जैसे कई बड़े नाम सौरव गांगुली की अगुआई में खेले। लेकिन टीम कुछ खास नहीं कर सकी। कोलकाता में बदलाव तीन सत्र बाद देखने को मिला, जब 2011 में गंभीर को टीम की कमान मिली।

आप टीम के किन्हीं दो बल्लेबाजों से शतक चाहते हैं या फिर ऊपरी क्रम के सभी बल्लेबाजों से 30 या 40 रन की अपेक्षा करते हैं। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के शीर्ष चार बल्लेबाजों के पास 100 रन बनाने की क्षमता है। लेकिन क्या 20 ओवर में हर किसी के लिए संभव है। ये विडंबना है कि बेंगलूर जैसी टीम जिसके पास बल्लेबाजों की फौज है उसे रविवार को हुए मैच में आखिरी के चार ओवरों में रनों के सूखे का सामना करना पड़ा। सिर्फ एक से उम्मीद करने की बजाय सभी को प्रदर्शन करना चाहिए।

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दूसरी ओर कोलकाता के पास ऐसे बल्लेबाज हैं, जो किसी भी परिस्थिति में खेलने के लिए तैयार रहते हैं। उनके क्रम में भी बदलाव किया जा सकता है। ओपनर मजबूत नींव तैयार करते हैं तो आखिर में ऑलराउंडर छक्के जड़कर मैच को समाप्त करते हैं।

राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के खिलाफ जीत से पंजाब की टीम जरूर उत्साहित होगी। लेकिन कोलकाता के खिलाफ उसे अलग चुनौती का सामना करना पड़ेगा। पंजाब की बल्लेबाजी में गहराई की कमी है। वहीं, कोलकाता विकेट लेने के लिए जानी जाती है। पंजाब को शुरुआती पांच ओवर में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। तभी ये टीम पूरे 20 ओवर डट कर खेल पाएगी।

(टीसीएम)

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