हर मैच के साथ मजबूत हो रही इंग्लिश टीम
इंग्लैंड ने शानदार तरीके से आइसीसी टी-20 विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया। इयान मोर्गन के नेतृत्व में यह टीम हर मैच के साथ मजबूत होती जा रही है। यह टीम अपनी कमियों से सीख ले रही है। इस टीम का खुद पर विश्वास बढ़ता जा रहा है
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
इंग्लैंड ने शानदार तरीके से आइसीसी टी-20 विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया। इयान मोर्गन के नेतृत्व में यह टीम हर मैच के साथ मजबूत होती जा रही है। यह टीम अपनी कमियों से सीख ले रही है। इस टीम का खुद पर विश्वास बढ़ता जा रहा है और बड़ी जीत की भूख उनमें साफ दिख रही है। बड़ी हार के बाद वापसी करना आसान नहीं होता, लेकिन इंग्लैंड ने गेल स्ट्रॉम के बाद ऐसा कर के दिखाया। उन्होंने करीबी मुकाबलों में खुद पर नियंत्रण रखा और इस प्रारूप में यही करने की जरूरत होती है।
उनके ओपनर्स जेसन रॉय और एलेक्स हेल्स ने अपनी आक्रामक पारी से विपक्षी टीम को हिला दिया। इसके बाद जो रूट और कप्तान मोर्गन ने फील्डरों के हाथ से वहां भी रन चुराए, जहां पर कोई गुंजाइश नहीं थी। बाद में जोस बटलर अपने आक्रामक शॉट्स से फिनिशिंग टच देने के लिए तैयार रहते हैं। गेंदबाजी में भी मोर्गन ने अपने स्पिनर्स और सीम गेंदबाजों का चतुराई से उपयोग किया। बैट की जड़ में गेंद फेंकने के मामले में इंग्लैंड के गेंदबाज इस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ रहे। इससे विपक्षी टीम का रन रेट कम हो गया। बेन स्टोक्स इस मामले में शानदार हैं और यह सोचकर ही डर लगता है कि उन्होंने बल्ले से अभी तक अपना रंग नहीं दिखाया है।
अच्छी शुरुआत के बाद न्यूजीलैंड की टीम भटक गई। आधे ओवरों तक लग रहा था कि वह 200 से ज्यादा रन बनाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि इंग्लैंड के गेंदबाजों ने मध्य क्रम को आक्रामक शॉट खेलने का मौका ही नहीं दिया। मोर्गन ने जिस-जिस गेंदबाज का इस्तेमाल किया, सभी ने किफायती गेंदबाजी की और कीवी टीम को बांधे रखा।
जीत के क्रम को बरकरार न रख पाने की वजह से कीवी टीम निराश होगी, लेकिन उन्हें एक बेहतर टीम से हार मिली। उन्होंने दिखा दिया कि ब्रैंडन मैकुलम के बिना भी उनके पास ऐसे खिलाड़ी हैं, जो सीमित ओवरों के क्रिकेट में अपना प्रभाव छोड़ सकते हैं और अपने पूर्व कप्तान की तरह अपने दम पर मैच का पासा पलटने की क्षमता रखते हैं।
(पीएमजी)