कुंबले ने खोज निकाला एक करिश्माई और अनोखा स्पिनर
पिछले दो माह से कर्नाटक में चल रहे 'स्पिन स्टार्स हंट' में पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने एक अनोखा लेग स्पिनर खोज निकाला है। इस दौरान लगभग दो हजार स्पिनरों को देखने के बाद उनमें से 110 को चुना गया और उन्हें बेंगलुरु के एनआरए मैदान पर अपनी प्रतिभा
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। पिछले दो माह से कर्नाटक में चल रहे 'स्पिन स्टार्स हंट' में पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने एक अनोखा लेग स्पिनर खोज निकाला है। इस दौरान लगभग दो हजार स्पिनरों को देखने के बाद उनमें से 110 को चुना गया और उन्हें बेंगलुरु के एनआरए मैदान पर अपनी प्रतिभा की नुमाइश के लिए कहा गया। उनमें से एक लड़के ने अपने जमाने के दिग्गज स्पिनर रहे कुंबले सहित सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
17 वर्षीय लेग स्पिनर शंकर सज्जन शारीरिक रूप से विकलांग है, जिसके दोनों हाथ विकृत हैं। शंकर ने अपनी गेंदबाजी से कुंबले को दिल जीत लिया। हालांकि शंकर का नाम अंतिम 20 खिलाडि़यों की सूची में नहीं था, लेकिन कुंबले ने विशेष रूप से उनका नाम जुड़वाया। कुंबले ने कहा, 'मैं वाकई उसके जज्बे से चमत्कृत हूं।' भारत में अन्य युवाओं की तरह शंकर में भी क्रिकेट को लेकर दीवानगी थी। लेकिन उनके लिए चीजें इतनी आसान नहीं थीं। तीन साल पहले बीजापुर में शंकर साहू क्रिकेट क्लब में प्रशिक्षण लेने गए, लेकिन उनके लिए स्थानीय कोचों को राजी करना बेहद मुश्किल था। उनके कोचों ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर वह सामान्य तरीके से गेंदबाजी करेंगे तभी उनको स्वीकार किया जाएगा। अपनी हाथों की विकृति के बावजूद उन्होंने चयन में सफलता हासिल कर ली। उसके बाद से शंकर का सपना है, स्पिनर बनना।
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शंकर ने एक स्थानीय अखबार में स्पिन ट्रायल्स के बारे में पढ़ा तो खुद को बेंगलुरु जाने से नहीं रोक सके। शंकर ने कहा, 'इस शिविर तक पहुंचने में मेरे अंकल ने मदद की। मैं कुंबले सर का प्रशंसक हूं और यह मेरा सपना सच होने जैसा है। उन्होंने मुझसे कहा है कि वह मेरी पढ़ाई और ट्रेनिंग प्रायोजित करेंगे।' हालांकि अभी यह कहना तो जल्दबाजी होगी कि शंकर भविष्य में कैसा प्रदर्शन करते हैं। लेकिन इतना तो तय है कि एक खास गेंदबाज ने दूसरे खास गेंदबाज को खोज निकाला है।