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एक विकेट और गोल्फ गेंद से अकेले करता था अभ्यास, बन गया क्रिकेट का सबसे महान खिलाड़ी

आज ही के दिन इस महान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का जन्म हुआ था।

By ShivamEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2016 07:03 PM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 11:23 AM (IST)

(बर्थडे स्पेशल)

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(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। जाहिर है कि क्रिकेट में कई खिलाड़ियों को शानदार से महान बनते देखा गया लेकिन कुछ ही खिलाड़ी ऐसे थे जिन्होंने महान से महानतम होने तक का सफर तय किया। इस फेहरिस्त में जिस दिग्गज का नाम आज भी सबसे ऊपर मौजूद है वो हैं सर डोनाल्ड जॉर्ज ब्रैडमेन या कहें सर डॉन ब्रैडमेन। आज ही के दिन 1901 में इस महान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का जन्म हुआ था।

- अभ्यास करने का अनोखा तरीका

एक बेहद साधारण परिवार से आने वाले ब्रैडमेेन जब ढाई साल के थे तभी उनकेे परिवार ने उनके जन्मस्थान से पलायन कर लिया था। ब्रैडमेन बचपन से ही क्रिकेट पसंद करते थे। नए गांव पहुंचने के बाद ब्रैडमेन अपने घर के करीब एक अनोखे ढंग से खुद अभ्यास करते नजर आते थे। उन्होंने अपने आप ही एक नए प्रकार के खेल अभ्यास का आविष्कार कर दिया था। बल्ला नहीं था तो एक स्टम्प उठा लिया और क्रिकेट की गेंद नहीं थी तो वहां पड़ी एक गोल्फ गेंद को ले लिया। घर के करीब एक तिरछी चट्टान थी जिस पर एक पानी की टंकी रखी थी। ब्रैडमेन अपने विकेट से गोल्फ गेंद को उस चट्टान पर मारते और गेंद चट्टान से टकराकर तेज रफ्तार से वापस आती, लेकिन ये नहीं पता होता था कि गेंद किस ओर जाएगी। ब्रैडमेन उस एक विकेट से अलग-अलग दिशाओं में जाती गेंद को मारने का प्रयास करते जिसका असर बाद में बल्लेबाजी में उनकी बेहतरीन टाइमिंग और गेंद को परखने की क्षमता में नजर भी आने लगा।

- सिडनी क्रिकेट ग्राउंड को देखकर अपने पिता से कहा......

जब ब्रैडमेन 15 साल के भी नहीं हुए थे, उससे पहले ही वो स्कूल व जूनियर क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवा चुके थे। इसी बीच एक बार उनके पिता उनको प्रतिष्ठित सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर एशेज टेस्ट मैच दिखाने ले गए। ब्रैडमेन ने उस दिन अपने पिता से कहा था, 'मैं तब तक संतुष्ट नहीं हो पाऊंगा जब तक इस मैदान पर खेल नहीं लेता'। किसको पता था कि सिर्फ वो मैदान ही नहीं, पूरा क्रिकेट जगत एक दिन उनके साामने छोटा नजर आएगा।

- दूसरे टेस्ट में ही टीम से हो गए बाहर, तीसरे टेस्ट में रच डाला इतिहास

अपने पहले टेस्ट की दो पारियों में इंग्लैंड के खिलाफ 18 और 1 का मामूली स्कोर बनाने के बाद दूसरे टेस्ट में उनको टीम से बाहर कर दिया गया लेकिन जब तीसरे टेस्ट में उनको मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर वापस टीम में शामिल किया गया तो वो पहली पारी में 79 और दूसरी पारी में 112 रन बनाकर टेस्ट इतिहास में शतक जड़ने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर बन गए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस सीजन में उनका औसत 93.88 का था।

- अंतिम टेस्ट में डक पर आउट हुए लेकिन विश्व रिकॉर्ड औसत के साथ

अपने करियर के अंतिम टेस्ट में जब वो मैदान पर उतरे तब उनका औसत 101.39 था लेकिन वो अपनी दूसरी ही गेंद पर शून्य पर बोल्ड हो गए। इंग्लैंड को इस मैच में पारी की हार झेलनी पड़ी यानी ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी खेलने उतरा ही नहीं जिस वजह से ब्रैडमेन को 99.94 के विश्व रिकॉर्ड औसत के साथ ही रिटायर होना पड़ा।

- करियर के आंकड़े

टेस्ट- 52 मैच

रन- 6996

औसत- 99.94

शतक- 29

अर्धशतक- 13

प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर

मैच- 234

रन- 28,067

औसत- 95.14

शतक- 117

अर्धशतक- 69

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