...वरना दोहा में पिता संग ड्राइविंग कर रहा होता यह फिरकी गेंदबाज
खुद जियास को भी पता नहीं था कि वे एक प्रतिभावान चाइनामैन गेंदबाज हैं। 23 साल के जियास का कहना है कि आईपीएल के जरिए
नई दिल्ली। आइपीएल ने कई प्रतिभाओं को उभारकर उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी है। ऐसा ही एक उदाहरण है दिल्ली डेयरडेविल्स के गेंदबाज केके जियास। खुद जियास को भी पता नहीं था कि वे एक प्रतिभावान चाइनामैन गेंदबाज हैं। 23 साल के जियास का कहना है कि आइपीएल के जरिए उनकी प्रतिभा सामने नहीं आती तो वे अपने पिता तथा भाई की तरह दोहा में कार ड्राइविंग कर रहे होते।
जियास उस पल को अपनी जिंदगी का सबसे अहम पल मानते हैं जब उन्होंने छह साल पहले समर क्रिकेट कैंप में हिस्सा लिया था। उनके कोच के. सुनील ने सबसे पहले उनकी इस प्रतिभा को पहचाना और एक गेंदबाज के रूप में उन्हें निखारा।
बकौल जियास, जब मैं गेंदबाजी कर रहा था तो मेरे कोच और अन्य सीनियर खिलाड़ियों बहुत आश्चर्य हुआ कि मेरी गेंद इतनी शार्ट टर्न कैसे हो रही है। कोच ने मुझे इसी तरह गेंदबाजी करने को कहा और आज मैं आइपीएल खेल रहा हूं।
गरीब परिवार से होने के कारण एर्नाकुलम क्रिकेट क्लब ने उनकी बहुत मदद की। इसी क्लब में एस. श्रीसंत भीखेलते थे। यहां तक कि क्लब ने जियास की स्कूल फीस का भुगतान भी किया। आज सेंट पॉल कॉलेज से उन्होंने इकॉनोमिक्स में डिग्री भी हासिल कर ली है।