नोटबंदी का लंबी अवधि में होगा सकारात्मक असर: विश्व बैंक
विश्व बैंक का कहना है कि नोटबंदी का लंबी अवधि में विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
नई दिल्ली (पीटीआई)। अस्थाई विफलताओं के बावजूद, नोटबंदी का लंबी अवधि में विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि इससे वित्तीय संकट बढ़ेगा, वित्तीय समावेश को प्रोत्साहन मिलेगा और पारदर्शिता में वृद्धि होगी। यह बात विश्व बैंक की रिपोर्ट ‘साउथ एशिया इकनॉमिक फोकस-ग्लोबलाइजेशन बैकलैश’ में कही गई है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने की प्रमुख वजह कर चोरी को रोकना तथा भ्रष्टाचार को खत्म करना बताया गया है। यह एक काफी जटिल काम है जिसके लिए समय के साथ कई तरह के उपाय करने की जरूरत होगी। रिपोर्ट कहती है कि नोटबंदी से तात्कालिक आधार पर नकदी संकट पैदा हुआ और आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ा। पिछले साल 8 नवंबर को सरकार ने 500 और 1,000 के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की थी और इसके स्थान पर 500 और 2,000 रुपए के नए नोट जारी किए थे।
इसमें आगे कहा गया कि नोटबंदी के लिए जो प्रमुख वजह बताई गई थी उसमें कालेधन पर अंकुश, जाली नोटों पर लगाम और इलेक्ट्रानिक भुगतान को प्रोत्साहन शामिल हैं। इनमें से कर चोरी तथा भ्रष्टाचार को समाप्त करना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसपर काफी काम करने की जरूरत है। इसके लिए समय के साथ कई कदम उठाने होंगे।