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आइटी कंपनियों ने पेश किये जीएसटी सोल्यूशंस

जीएसटी को समय पर लागू करने के लिए सरकार के साथ साथ आईटी कंपनियां भी तेजी से काम कर रही हैं।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 01:09 PM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 01:09 PM (IST)
आइटी कंपनियों ने पेश किये जीएसटी सोल्यूशंस

नई दिल्ली (जेएनएन)। बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए सरकार के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी यानी आइटी क्षेत्र की कंपनियां भी तैयारी में जुट गयी हैं। कई आइटी कंपनियां जीएसटी के लिए अलग-अलग तरह के सोल्यूशंस लेकर आयी हैं। दुनिया की जानी-मानी कंप्यूटर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने ईजमाईजीएसटी के साथ मिलकर एक ऐसा सोल्यूशंस तैयार किया है जिसके जरिये लघु और मध्यम कारोबारी आसानी से अपने इन्वॉइस तैयार कर सकेंगे और अपने रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।

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माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के मार्केटिंग निदेशक आलोक बी. लाल ने दैनिक जागरण को बताया कि एमएस एक्सल आधारित यह सोल्यूशन ऑपरेट करने में बेहद आसान है। यह ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से काम करता है। यह एमएसएमई के लिए अफोर्डेबल भी है। लाल ने कहा कि फिलहाल जो सोल्यूशन उपलब्ध हैं, उनकी तुलना में यह बेहद सरल है। इस तरह यह जीएसटी का अनुपालन बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

ईजमाईजीएसटी के सह-संस्थापक आशीष मित्तल का कहना है कि जीएसटी लागू होने से पहले कारोबारियों को न सिर्फ कानूनी बारीकियां और जीएसटी के पंजीकरण, भुगतान और रिफंड जैसी बुनियादी जानकारी हासिल करने की जरूरत है बल्कि व्यापक स्तर पर आइटी सोल्यूशंस के बारे में जागरूकता लाने की भी आवश्यकता है। फिलहाल कारोबारी वैट का हिसाब-किताब रखने और रिटर्न दाखिल करने पर हर महीने औसतन 3000 से 5000 रुपये तक खर्च करते हैं। इसे देखते हुए माइक्रोसॉफ्ट और ईजमाईजीएसटी का जीएसटी सोल्यूशन अपेक्षाकृत अफोर्डेबल होगा। इससे इन्वॉइस तैयार कर हर महीने रिटर्न दाखिल किया जा सकेगा। यह क्लाउड आधारित होगा और सीधे जीएसटीएन पोर्टल से जुड़ा होगा।

इधर जीएसटी के लिए आइटी ढांचा तैयार करने वाले जीएसटी नेटवर्क ने भी एक ऐसा आइटी सोल्यूशन तैयार किया है जिससे कारोबारी आसानी से अपना हिसाब-किताब रख सकेंगे। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह कोई भी बीटूबी कारोबारी हर दिन अपने सामान की बिक्री का ब्यौरा इस सॉफ्टवेयर में दर्ज करता रहेगा और अगले महीने की दस तारीख को यह ब्यौरा उन कारोबारियों के एकाउंट में दिखने लगेगा जिन्होंने सामान खरीदा था। इस तरह कारोबारी हर महीने अपने रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। जीएसटीएन का सोल्यूशन ऑफलाइन भी काम कर सकेगा और महीने में एक बार रिटर्न दाखिल करने के लिए सिर्फ पांच मिनट के लिए इसको इंटरनेट की जरूरत होगी।

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