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जीएसटी लागू होने के बाद सस्ती हो सकती हैं टेलिकॉम सेवाएं

सरकार का टेलिकॉम कंपनियों से कहना है कि वो उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने के प्रयास करें।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 01:56 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 02:12 PM (IST)
जीएसटी लागू होने के बाद सस्ती हो सकती हैं टेलिकॉम सेवाएं
जीएसटी लागू होने के बाद सस्ती हो सकती हैं टेलिकॉम सेवाएं

नई दिल्ली (जेएनएन)। सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को एक जुलाई से जीएसटी लागू होने पर उनकी लागत को पुन: तय कर कॉल दरें घटाने और ग्राहकों को फायदा पहुंचाने को कहा है। वस्तु एवं सेवा कर लागू होने पर दूरसंचार सेवाओं पर 18 फीसद जीएसटी लगेगा। हालांकि दूरसंचार कंपनियां इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेंगी जिससे उन पर जीएसटी की प्रभावी दर कम हो जाएगी। इससे उनकी लागत कम हो जाएगी वे इसका लाभ उपभोक्ताओं को दे सकेंगी।

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वित्त मंत्रालय का कहना है कि दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनियों को अपनी लागत और टैक्स क्रेडिट की गणना दोबारा करनी होगी। इससे उन्हें टैक्स क्रेडिट के जरिये जो लाभ मिलेगा, वह उपभोक्ता को पास करना होगा। फिलहाल दूरसंचार सेवाओं पर 14 फीसद सेवा कर लगता है। इसके अलावा 0.5 फीसद स्वच्छ भारत सेस और 0.5 फीसद कृषि कल्याण सेस भी लगता है। हालांकि इससे अलग जीएसटी काउंसिल ने अब दूरसंचार सेवाओं पर 18 फीसद जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया है।

ऐसे में सामान्य धारणा यह है कि इससे दूरसंचार सेवाएं जैसे मोबाइल पर बात करना महंगा हो जाएगा लेकिन हकीकत यह है कि जीएसटी लागू होने पर कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेंगी जिससे उनकी लागत घट जाएगी। इसका मतलब यह है कि अगर दूरसंचार कंपनी अपनी सेवाएं देने के लिए जितने भी प्रकार की इनपुट सेवाएं ले रही हैं, उन पर जो टैक्स उन्होंने चुकाया है, उसका क्रेडिट उन्हें जीएसटी के भुगतान में मिल सकेगा। पहले यह संभव नहीं था। फिलहाल मोबाइल कंपनियों को वैट या आयातित सामान पर विशेष अतिरिक्त शुल्क के एवज में इनपुट क्रेडिट नहीं मिलता है। हालांकि जीएसटी लागू होने पर उन्हें घरेलू और आयातित दोनों प्रकार की वस्तुओं पर टैक्स का क्रेडिट मिलेगा।

मंत्रालय का कहना है कि दूरसंचार उद्योग को उसके टर्नओवर के दो फीसद के बराबर इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल सकता है। फिलहाल दूरसंचार कंपनियों को 2016 में स्पेक्ट्रम की खरीद पर चुकाए गए सेवा कर के एवज में तीन साल के लिए इनपुट क्रेडिट प्राप्त है। हालांकि जीएसटी लागू होने पर यह पूरा क्रेडिट एक साल में ही लिया जा सकता है। इस तरह चालू वित्त वर्ष में ही दूरसंचार कपंनियों को इसका बकाया दो-तिमाही इनपुट क्रेडिट उपलब्ध होगा। इस तरह इन सब उपायों से दूरसंचार कंपनियों को पिछले साल की तुलना में 87 फीसद कम टैक्स नकदी में चुकाना पड़ेगा। वे अपने इनपुट टैक्स क्रेडिट का इस्तेमाल जीएसटी के भुगतान के लिए कर सकेंगी।

क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट

टेलीकॉम कंपनियां सेवाएं देने के लिए कई तरह की दूसरी सेवाओं और वस्तुओं का उपयोग करती हैं। इन पर लगे टैक्स का रिफंड क्लेम वे मोबाइल सेवा के टैक्स में कर सकेंगी। इससे 18 फीसद टैक्स लगने पर भी कुल भार इससे कम हो जाएगा।

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