भारतीय रेलवे प्रदर्शन न करने वाले कर्मचारियों को हटाने की तैयारी में
जल्द भारतीय रेलवे नॉन पर्फामिंग कर्मचारियों की नौकरी से छुट्टी कर सकता है
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने प्रदर्शन न करने वाले कर्मचारियों से छुटकारा पाने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। रेलवे ने कार्य समीक्षा के आधार पर अनिवार्य रूप से कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करने की योजना बनाई है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह पहले से ही रेलवे में दो-तीन मामलों में किया गया है, जहां कर्मचारी को नॉन पर्फामर पाया गया और उन्हें जाने को कहा गया, रेल मंत्रालय में ऐसे व्यक्तियों को अवांछित माना जाता था।”
प्रदर्शन के आधार पर हाल ही में दो आईपीएस अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया गया था। अधिकारी ने बताया कि इस तरह के अधिक कर्मचारियों के जाने की संभावना है क्योंकि समीक्षा प्रक्रिया चल रही है। दरअसल रेलवे का यह कदम प्रशासन में जवाबदेही को लागू करने के लिए सरकार के अभियान का एक हिस्सा है।
प्रदर्शन के साथ-साथ, अनुशासनहीनता और अखंडता का अभाव भी इस पर फैसला लेने में अहम भूमिका निभा सकता है। वहीं कुछ लोगों से जुड़े मामले अदालतों में भी चल रहे हैं और ऐसे लोगों से भी रेलवे से जाने को कहा जाएगा।
रेलवे अपने कामकाज के लिए अपनाएगा एकीकृत सॉफ्टवेयर
रेलवे त्वरित डाटा संग्रह और विश्लेषण के लिए एकीकृत सॉफ्टवेयर को अपनाएगा। इस प्रमुख आइटी पहल के शुरू होने पर वह पांच साल में करीब 50 हजार करोड़ रुपये बचा सकेगा। इसे गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा है।
इस एकीकृत सॉफ्टवेयर का नाम आइआर-वनआइसीटी होगा। यह रेलवे के लिए अपनी तरह का पहला सॉफ्टवेयर है। यह रेलवे की संचालन संबंधी सभी प्रक्रियाओं का एकीकरण करेगा। इससे डाटा संग्रह का काम आसान होगा। इस काम के लिए न्यूनतम रखरखाव की जरूरत होगी। आइआर-वनआइसीटी रेल सेक्टर की मान्य और प्रामाणिक जानकारी के लिए एकमात्र स्रोत बन जाएगा। अनुमान है कि इस पर 5,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां डिजिटल रेलवे फॉर डिजिटल इंडिया सम्मेलन में कहा, ‘हम आइटी का फायदा उठाने के लिए एकीकृत व व्यापक रणनीति पर काम कर रहे हैं। इससे प्रणालियों व प्रक्रियाओं को सुधारा जा सकेगा। साथ ही दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी।’
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