Move to Jagran APP

रेलवे अपने कामकाज के लिए अपनाएगा एकीकृत सॉफ्टवेयर, 5 साल में 50,000 करोड़ का फायदा संभव

रेलवे त्वरित डेटा कलेक्शन और विश्लेषण के लिए इंटिग्रेटिड सॉफ्टवेयर को अपनाएगा

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 09:53 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 09:56 AM (IST)
रेलवे अपने कामकाज के लिए अपनाएगा एकीकृत सॉफ्टवेयर, 5 साल में 50,000 करोड़ का फायदा संभव
रेलवे अपने कामकाज के लिए अपनाएगा एकीकृत सॉफ्टवेयर, 5 साल में 50,000 करोड़ का फायदा संभव

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। रेलवे त्वरित डाटा संग्रह और विश्लेषण के लिए एकीकृत सॉफ्टवेयर को अपनाएगा। इस प्रमुख आइटी पहल के शुरू होने पर वह पांच साल में करीब 50 हजार करोड़ रुपये बचा सकेगा। इसे गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा है।

loksabha election banner

इस एकीकृत सॉफ्टवेयर का नाम आइआर-वनआइसीटी होगा। यह रेलवे के लिए अपनी तरह का पहला सॉफ्टवेयर है। यह रेलवे की संचालन संबंधी सभी प्रक्रियाओं का एकीकरण करेगा। इससे डाटा संग्रह का काम आसान होगा। इस काम के लिए न्यूनतम रखरखाव की जरूरत होगी। आइआर-वनआइसीटी रेल सेक्टर की मान्य और प्रामाणिक जानकारी के लिए एकमात्र स्रोत बन जाएगा। अनुमान है कि इस पर 5,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां डिजिटल रेलवे फॉर डिजिटल इंडिया सम्मेलन में कहा, ‘हम आइटी का फायदा उठाने के लिए एकीकृत व व्यापक रणनीति पर काम कर रहे हैं। इससे प्रणालियों व प्रक्रियाओं को सुधारा जा सकेगा। साथ ही दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी।’

रेलवे ने अपनी विभिन्न जरूरतों के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर विकसित किए हैं। एकीकृत सॉफ्टवेयर विकसित करने का प्रयास नया है। प्रभु बोले कि हमारी नीतियां टुकड़ों में आइटी को अपनाने की रही हैं। अब एकीकृत नजरिये के साथ पहल की गई है। यह गेम चेंजर साबित होगा। इस सम्मेलन का आयोजन रेलवे और नैस्कॉम ने मिलकर किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.