जीएसटी में निर्यातकों को 7 दिनों के भीतर मिलेगा रिफंड, वीजा मुद्दे पर घबराने की जरुरत नहीं: निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वीजा मुद्दे पर घबराने की जरुरत नहीं है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन साल पूरे होने पर अपने मंत्रालय की पहल और उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत निर्यातकों का टैक्स रिफंड क्लेम 7 दिनों के भीतर निपटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि टैक्स रिफंड पर सरकार बहुत ही स्पष्ट हैं। पहले से भुगतान किए गए पैसे का 90 फीसद (जीएसटी में निर्यातकों की ओर से) 6 से 10 दिनों के अंदर वापस कर दिया जाएगा। किसी भी देरी के लिए लगभग 6 प्रतिशत का ब्याज दिया जाएगा।
सीतारमण ने क्या कहा:
सीतारमण ने कहा, “मंत्रालय ने जीएसटी परिषद को छोटो और मझोले निर्यातकों के टैक्स चुकाने के लिए वैकल्पिक सिस्टम तैयार करने पर विचार करने को कहा है। जीएसटी काउंसिल से हमने एसएमई के लिए अनुरोध किया था। ताकि हम उन्हें टैक्स भरने और फिर रिफंड लेने की जगह कोई विकल्प दे सकें। हम इस मुद्दे पर जीएसटी काउंसिल के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। निर्यातकों ने जीएसटी के तहत करों के भुगतान से छूट देने की मांग की है, जिसमें कहा गया है कि रिफंड में मिलने में कई महीने लगते हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जीएसटी निर्यात में सुधार लाने में मदद करेगा। निर्यातकों को अब प्रोडक्शन पर लागत कम लगेगी इससे ग्लोबल मार्केट में उत्पाद प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा।”
रुपये का उतार-चढ़ाव आम बात:
रुपये के उतार-चढ़ाव पर निर्यातकों की चिंता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि रुपये में उतार-चढ़ाव अचानक नहीं होता। यह अब एक आम बात हो गई है। लेकिन, अगर उतार-चढ़ाव ज्यादा हो, तो यह आरबीआई का काम है कि वह सिर्फ इतना ही हस्तक्षेप करे ताकि किसी भी चरम उतार-चढ़ाव का ख्याल रखा जा सके।
एच-1बी वीजा पर घबराने की जरुरत नहीं:
अमेरिका और अन्य देशों के वीजा नियमों में हो रहे बदलाव की चिंता पर उन्होंने कहा, “वीजा मुद्दे पर घबराने की जरुरत नहीं है। मैं मानती हूं कि अमेरिका इस मामले में सुधार करना चाहते है। भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए एच-1बी वीजा कम नहीं होंगे।”
जीएसटी के कारण बढ़ेगा देश का निर्यात
वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) भारत के निर्यात में सुधार को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि सेवाओं में नकारात्मक वृद्धि के बावजूद 2016-17 में भारत का कुल निर्यात 4.95 फीसद की वृद्धि के साथ बढ़ा है। गौरतलब है कि वस्तु एवं सेवा कर कानून को 1 जुलाई से देशभर में लागू किया जाना है।
वाणिज्य मंत्रालय की तीन साल की पहल और उपलब्धियों पर बोलते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, “जिस तरह से जीटीसी परिषद में फिटमेंट को लेकर चर्चा हुई है और जिस तरह से वस्तुओं और सेवाओं के साथ ट्रीटमेंट किया गया है जीएसटी हमारे निर्यात में सुधार लाने में मदद करने वाला है।”
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