लाइन की कमी से ट्रेनों के परिचालन पर असर
सहरसा। पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर मंडल के तहत आने वाला सहरसा इन दिनों रेलवे लाइन की कमी के क
सहरसा। पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर मंडल के तहत आने वाला सहरसा इन दिनों रेलवे लाइन की कमी के कारण कठिन दौर से गुजर रहा है। इधर, लाइन की कमी का सीधा असर रेल परिचालन पर पड़ रहा है। इसके कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नहीं हो पाती ट्रेनों की धुलाई
इतना ही नहीं, रेल पटरी यानि लाइन की कमी के कारण सही समय पर ट्रेनों की धुलाई नहीं हो पाती है। इसके कारण या तो ट्रेन विलंब से चलाई जाती ह या फिर कभी-कभी ट्रेनों के 96 घंटे गुजर जाने के बाद भी उसकी सफाई या मेंटेनेंस नहीं हो पाती है। मजबूरन पैसेंजर हित में ट्रेन की गहन जांच कर उसे छह घंटे के लिए फिट कर दिया जाता है। तब जाकर ट्रेन चलती है। दो दिन पूर्व भी सहरसा-पूर्णिया के बीच चलने वाली 55583 पैसेंजर ट्रेन का 96 घंटे बीत गया। इसी बीच उसकी वा¨शग नहीं हो सकी यानि वा¨शग के दौरान ही ट्रेन का चक्का, ब्रेक, डायमेंशन व अन्य तकनीकि चीजों को बारीकियों से जांच करनी पड़ती है इसके बाद ही ब्रेक पावर फिट दी जाती है। संबंधित रेल कर्मचारियों ने ट्रेन की गहन परीक्षण कर उसे मात्र छह घंटे के लिए ब्रेक पावर फिट दिया गया तब जाकर ट्रेन करीब दो घंटे विलंब से साढे चार बजे खुली। यात्री मुकेश कुमार ¨सह, उमेश यादव, अमित ¨सह, विकास भारती ने बताया कि विलंब से ट्रेन के परिचालन से काफी मुसीबत उठानी पड़ी। सहरसा से तो पूर्णिया रेल खंड में बराबर ट्रेनों का परिचालन विलंब से हो रहा है।
लाइन के कारण होता है विलंब
इधर रेल सूत्रों की मानें तो ट्रेनों का परिचालन व विलंब का मुख्य कारण सिर्फ लाईन की कमी के कारण ही होता है। सहरसा स्टेशन पर मात्र चार लाईन है। इसके अलावा वा¨शग पिट में भी मात्र दो लाइन रहती है। एक तो पहले से ही सहरसा-मानसी रेलखंड में करीब एक दर्जन ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। प्लेटफार्म एक और दो मिलाकर मात्र चार बडी रेल लाइन की पटरी है। जिस कारण कई बार ट्रेनों को बैजनाथपुर व सोनवर्षा कचहरी स्टेशन पर ट्रेन को घंटों रोक कर इंतजार करवाना पड़ता है। इसके बाद पूर्णिया रेल सेवा शुरू हो जाने से यह परेशानी और बढ़ गयी है। अगर समय रहते इस दिशा में रेल प्रशासन द्वारा साकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो आनेवाले दिनों में यह समस्या और विकराल होती जाएगी।