Move to Jagran APP

ग्रामीण बैंक में लाभ तो हुआ पर एनपीए एकाउंट में भी हुई बढ़ोत्तरी

सहरसा: समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के सहरसा रीजन द्वारा तकरीबन

By Edited By: Published: Sat, 07 May 2016 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 07 May 2016 06:04 PM (IST)

सहरसा: समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के सहरसा रीजन द्वारा तकरीबन सभी शीर्षों में पूर्व के वित्तीय वर्ष के अपेक्षा उल्लेखनीय सफलता हासिल की गयी है। परंतु बैंक के एनपीए से भी जबर्दस्त वृद्धि दर्ज की गयी है। जिससे कि बैंक को मिली कामयाबी पर सवालिया निशान भी लग गया है। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक सहरसा रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक शशिनाथ चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान बैंक की डिपोजिट राशि 705 करोड़ की रही, वहीं बैंक द्वारा आलोच्य अवधि में 515 करोड़ का एडवांस भी दिया गया। बैंक का लाभांश भी 2015-16 के दौरान 26 करोड़ का रहा, जबकि वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान बैंक की डिपोजिट राशि 619 करोड़ ही रही थी, वहीं उस दौरान बैंक द्वारा 428 करोड़ एडवांस दिया गया था तथा बैंक का लाभ भी 16 करोड़ ही रहा था। श्री चौधरी ने बताया कि कई मदों में बैंक को मिली उल्लेखनीय सफलता के बावजूद बैंक के एपीए हुए एकाउंट में भी 2014-15 के अपेक्षा 2015-16 में वृद्धि हुई है तथा 2014-15 में बैंक की एनपीए राशि 6 करोड़ थी, वहीं 2015-16 में बढ़कर 80 करोड़ तक जा पहुंची है। श्री चौधरी ने बताया कि एनपीए राशि को कम किए जाने के निरंतर प्रयास जारी है। तथा इस क्रम में बैंकों में ऋण वसूली शिविर का आयोजन तो किया ही जा रहा है, साथ ही साथ ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से भी प्रयास कर बैंक ऋणियों को ऋण लौटाने की ताकीद की जा रही है, परंतु इसके बहुत ही सकारात्मक परिणाम अब तक नजर नहीं आए हैं, लिहाजा ऋण वसूली के लिए कानूनी प्रक्रिया को अपनाए जाने को ले विचार किया जा रहा है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.