Move to Jagran APP

इस सांप पर तस्‍करों की नजर; इसके जहर से चढ़ता सुरूर, बनती कैंसर की भी दवाएं

बिहार में किंग कोबरा सांप पर तस्‍करों की नजर है। इसके जहर से नशे का सामान बनता है। इससे कैंसर जैसी बीमारी की दवा भी बनती है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 24 Jul 2017 08:01 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jul 2017 11:54 PM (IST)
इस सांप पर तस्‍करों की नजर; इसके जहर से चढ़ता सुरूर, बनती कैंसर की भी दवाएं

पटना [जागरण टीम]। क्या आप जानते हैं कोबरा के जहर से नशा तैयार किया जाता है? यदि नहीं जानते तो जान जाइए। इस जहर को डाइल्यूट कर पाउडर तैयार किया जाता है, जिसे पानी में मिलाकर नशा तैयार किया जाता है। इससे पब, बार व रेव पार्टिंयों में सुरूर चढ़ता है। इस जहर से कैंसर जैसी बीमारी की दवाएं भी बनती हैं। लगातार बढ़ती इसकी मांग को देखते हुए तस्‍करों की नजरें बिहार के पश्चिम चंपारण पर भी टिक गई हैं।

loksabha election banner

पश्चिम चंपारण के उदयपुर आश्रयणी के आसपास व सरैया मन झील से जुड़े वन क्षेत्रों में बारिश के बाद किंग कोबरा की कई प्रजातियां रेंगते हुए देखी गई हैं। उनके जहर पर इंटरनेशनल पोचर्स की पैनी नजर है। इस जहर से नशे का सामान ताे बनता ही है, एंटी टयूमर व एंटी कैंसर दवाएं तथा पेन किलर दवाएं भी बनती हैं। इस कारण यहां राजस्थान की कालबेलिया जनजाति व स्थानीय तस्करों की गतिविधियां बढ़ गई हैं।

बारिश के दिनों में सांप की इस प्रजाति को शिकार की तलाश में बार-बार बाहर निकलना पड़ता है। हाइबरनेशन अथवा गहरी नींद की अवस्था से बाहर निकले सांप बारिश के दिनों में बिलों में पानी भर जाने के कारण नए आशियाने की तलाश में इधर-उधर भटकने को मजबूर हो जाते हैं। इन बाहर निकले सांपों को तस्‍कर पकड़ लेते हैं।

किंग कोबरा की संख्या वाल्मीकि प्रोजेक्ट टाइगर के वनक्षेत्र में बढ़ रही है, जिस कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर के तस्कर यहां पर अपने नेटवर्क को फैला रहे हैं। वन विभाग को ऐसी जानकारी मिली है। इस कारण एहतियात बरतते हुए वीटीआर प्रशासन ने यहां पर पर्यटक सहित स्थानीय लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

यह भी पढ़ें: बैंकों में निकलीं 15,000 नौकरियां, इस तरह कर सकते अप्लाई, जानिए

किंग कोबरा को तस्करों की नजर से बचाने के लिए बेतिया वन प्रमंडल के अधिकारियों ने मॉनसून के दिनों में यहां किसी भी प्रकार के पर्यटक से संबंधित गतिविधि पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। बेतिया वन प्रमंडल
के डीएफओ हेमंत पाटिल ने बताया कि ट्रेकर व वन अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है कि इस क्षेत्र में पाए जाने वाले किंग कोबरा की गतिविधियों की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी कर वरीय अधिकारियों को भेजें, ताकि उनकी सुरक्षा के इंतजाम हो सकें।

यह भी पढ़ें: प्रेमी से मिलने मुंबई से बिहार आयी प्रेमिका, हुआ ये हाल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.