हाईकोर्ट ने बीएड कालेजों की जांच के प्रस्ताव पर लगाई अंतरिम रोक
राज्य सरकार एनसीटीई से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेजों की जांच नहीं कर सकेगी। पटना हाईकोर्ट ने इसकी अनुमति देने से इन्कार कर दिया है।
पटना [वेब डेस्क ]। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेजों की जांच की अनुमति देने से फिलहाल इन्कार कर दिया है। याचिका पर अपने फैसले में पटना हाइकोर्ट के ग्रीष्मकालीन न्यायाधीश वी नाथ ने अंतरिम रोक के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा कि मौजूदा प्रावधानों के तहत राज्य सरकार को तत्काल इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। दरअसल, राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों से संबद्ध अराजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की जांच के लिए सभी डीएम एवं एसपी को पत्र जारी किया था। करीब दो सौ ट्रेनिंग कॉलेजों की जांच कर उस पर आवश्यक कार्रवाई करनी थी।
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पूर्व शिक्षामंत्री पीके शाही ने ही कोर्ट में किया विरोध
राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ गया के डॉ. बीआर अंबेडकर कॉलेज ऑफ एजुकेशन एवं अन्य की तरफ से पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार के इस फैसले को चुनौती दी थी।याचिकाकर्ता के वकील वरीय अधिवक्ता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं पूर्व महाधिवक्ता पीके शाही ने कहा कि इन ट्रेनिंग कॉलेजों की जांच का अधिकार राज्य सरकार को नहीं बल्कि केंद्र सरकार को है।
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कहा कि जांच का मामला राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में नहीं है। इस तरह की जांच में एनसीटीई खुद सक्षम है। यही बात केंद्र सरकार के वकील एसएन पाठक ने भी कही। उन्होंने कहा कि बीएड कॉलेजों में गड़बड़ी एवं अन्य सुधार लाने का काम एनसीटीई का है। राज्य सरकार यदि ऐसा करती है तो वह केंद्र के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप होगा।