मेधा घोटाले पर बोले CM नीतीश - 'भगवान ने हमें एक और मौका दिया है सुधरने का'
रिजल्ट घोटाला मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य की शिक्षा-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का भगवान ने हमें एक और मौका दिया है।
पटना [वेब डेस्क]। राज्य की शिक्षा-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का भगवान ने एक और मौका दिया है। भले ही मेधा घोटाला बिहार के लिए कलंक के समान है, लेकिन यह एक मौका है कि अब हम पूरी व्यवस्था में सुधार कर सकें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बिहार कौशल विकास मिशन की वेबसाइट के कार्यक्रम में राज्य के मेधा घोटाले के मुद्दे पर ये बातें कहीं।
नीतीश कुमार ने दावा किया कि बिहार के छात्र बहुत मेधावी होते हैं और एक कॉलेज के कुछ लड़कों के कारण पूरे राज्य के इंटर के छात्रों पर शक करना गलत हैं। नीतीश ने कहा कि जिन्होंने फर्जीवाड़ा किया, वो जेल जा रहे हैं और इस घटना में शामिल लोगों के साथ राज्य सरकार कोई नरमी नहीं बरत रही हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि टॉपर घोटाला के बाद ऐसी व्यवस्था कर दी गयी है कि अब यहां कोई दाये-बायें नहीं कर सकता। देख लीजिए कैसे-कैसे लोग पकड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस पूरे स्कैंडल को भगवना की मेहरबानी बताते हुए कहा कि 'अब एक ऐसा अवसर मिल गया है कि सब कुछ इस आधार पर अगले साल से चुस्त-दुरुस्त हो जाएगा।'
नीतीश ने माना कि राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में इस साल कदाचार मुक्त हुआ तो उसका श्रेय मीडिया में हाजीपुर के उस फोटो और विज़ुअल्स का हैं, जिसमे एक चार मंजिला बिल्डिंग के ऊपर छात्रों को चोरी से नकल करा रहे थे और और मेधा घोटाला भी इंटर की परीक्षा को को चुस्त-दुरुस्त करने में राज्य सरकार के लिए मार्गदर्शक का काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर अपनी आलोचना पर सफाई देते हुए कहा कि 'बिना किसी मांग के उन्होंने पूरे स्कैंडल को आपराधिक कार्रवाई मानते हुए मुक़दमा दर्ज करने का निर्देश दिया था। हमारे यहां ये सब नहीं चल सकता हैं, लेकिन गड़बड़ करने पर कानून के हिसाब से जिसको जेल जाना है उसको जाना ही होगा। यह कहते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि गड़बड़ करने वाले छात्रों की संज्ञा नाममात्र हैं।
राज्य के मेधा घोटाले में फ़िलहाल स्पेशल टास्क फ़ोर्स जांच कर रही हैं और अब तक 30 लोगों को जेल भेज जा चुका है। हालांकि इस घोटाले में शामिल रूबी राय की गिरफ़्तारी को लेकर पुलिस की आलोचना भी हो रही है कि अन्य टॉपर आरोपी को अभी तक नहीं पकड़ा गया हैं, जबकि एक माइनर छात्र को कई हफ्ते से रिमांड होम में रख गया है।
वहीं पुलिस का कहना है कि न केवल छात्र बल्कि उनके अभिभावक भी इस मामले में आरोपी हैं और सबके खिलाफ वारंट हैं, इसलिए सबको या तो कोर्ट में सरेंडर करना होगा या उनकी गिरफ़्तारी होगी। पुलिस का यह भी दावा है कि इस मामले में छात्रों, कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ इतने सबूत मिले हैं कि पुलिस निर्धारित 90 दिनों के अंदर सबके खिलाफ चार्जशीट दायर करेगी।