यूपी का फार्मूला बिहार में हिट करने की जुगत में भाजपा, जानिए मामला
यूपी में पूर्ण बहुमत के बाद बिहार के भाजपाई भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। बिहार में भी कभी बूचड़खाने तो कभी एंटी रोमियो स्क्वैड को लागू करने की बात रहे हैं।
पटना [अरविंद शर्मा]। यूपी में भाजपा के सियासी फार्मूले के हिट होते ही बिहार के भाजपाई उत्साहित नजर आ रहे हैं। शीर्ष नेता उन्हीं मुद्दों पर यहां भी असरदार आंदोलन खड़ा करके पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की जुगत में हैं, जिनपर यूपी में उन्हें बड़ी कामयाबी मिली है।
कभी बूचडख़ानों के खिलाफ तो कभी 'एंटी रोमियो स्क्वैड’ बनाने के मुद्दे को हवा देकर घमासान की कोशिश की जा रही है। इस प्रयास में प्रदेश के अहम मुद्दे हाशिये पर चले गए हैं। भाजपा नेताओं के जुबानी हमलों से निपटने के लिए सत्ताधारी दलों को भी पूरी ताकत लगानी पड़ रही है।
यूपी में योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने के बाद बिहार के विकास, गरीबी, अशिक्षा जैसे मुद्दे पीछे छूट गए। योगी सरकार ने अबतक जितने भी प्रमुख फैसले लिए हैं, सबके सब बिहार के भाजपा नेताओं को आकर्षित-प्रेरित कर रहे हैं। यूपी की नई सरकार के फैसलों को भाजपा बिहार में महागठबंधन के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। पिछले तीन दिनों से महंगी बिजली के मुद्दे को जरूर गर्म किया जा रहा है, लेकिन इसे भाजपा नेताओं ने नहीं खड़ा किया है, बल्कि अनायास हाथ लगा मुद्दा है।
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यूपी में भाजपा की सरकार बनते ही सूबे में अवैध ढंग से चल रहे बूचडख़ानों पर जिस तरीके से कार्रवाई की गई, उसका सीधा असर बिहार पर पड़ा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत कई भाजपा नेताओं के बवाली बयान आने लगे। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने तो सदन में ही राज्य सरकार से यूपी की तरह बिहार में भी अवैध पशु कत्लखाने बंद करने की मांग कर दी। लिहाजा नीतीश सरकार के मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अवधेश कुमार सिंह को मीडिया के सामने कहना पड़ा कि सूबे के भी अवैध बूचडख़ानों पर कार्रवाई की जाएगी।
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इसी तरह 21 मार्च को योगी सरकार ने जब छेडख़ानी के विरुद्ध 'एंटी रोमियो स्क्वैड' बनाने के आदेश जारी किए तो उसके दो दिन बाद ही बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने सूबे में भी इसी तरह की पहल की मांग कर दी। उन्होंने इसके लिए तर्क भी दिया। सुमो ने कहा कि महागठबंधन सरकार में सड़कों पर महिलाओं-लड़कियों के प्रति अपराध बढ़े हैं। लिहाजा आधी आबादी की हिफाजत के लिए राज्य सरकार को एंटी-रोमियो स्क्वैड बनाने पर विचार करना चाहिए।
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लालू पर भी योगी का असर
योगी सरकार का असर सिर्फ भाजपा पर ही नहीं देखा जा रहा। महागठबंधन के दलों की बयानबाजी का आधार भी यूपी हो गया है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद रविवार को अपनी पार्टी की अहम बैठक में मुख्य रूप से यूपी एवं योगी सरकार को ही टारगेट किया। लालू ने लखनऊ के सीएम आवास के शुद्धिकरण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए अपने समर्थकों का अपमान बताया। उन्होंने साफ कहा कि योगी ने आवास को गंगाजल से इसलिए धोया, क्योंकि वहां 15 वर्षों से दलित-पिछड़ी जाति के मुख्यमंत्री रहते थे। उनका संकेत मायावती और अखिलेश यादव की ओर था। लालू ने भाजपा को चेतावनी दी है कि इस अपमान का बदला लिया जाएगा।
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