पटना [जेएनएन]। पटना के गांधी मैदान में तीन दिनों तक चलने वाले बिहार दिवस का कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधिवत उदघाटन किया। उद्धाटन के समय मंच पर उनके साथ बिहार के शिक्षामंत्री सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे, लेकिन राजद अध्यक्ष लालू यादव का परिवार नदारद दिखा।
इस मामले को लेकर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। जब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। वहीं राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि 'बिहार दिवस में तेजस्वी का नाम नहीं होना बड़ी चूक' है।
जदयू नेता श्याम रजक ने कहा कि डिप्टी सीएम का बिहार दिवस समारोह के आमंत्रण पत्र में नाम नहीं होने पर आयोजक दे जवाब, उन्होंने कहा कि यह सरकार और आयोजक के बीच का मामला है।
वहीं इस बात पर चुटकी लेते हुए भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि डिप्टी सीएम बिहार दिवस के कार्यक्रम में नहीं आये तो ठीक किया, बिहार दिवस के कार्ड में उनका नाम होना चाहिए था।
इस अवसर पर राष्ट्रीय जनता दल के मंत्री तो पटना के गांधी मैदान में मौजूद थे लेकिन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप यादव इस समारोह से नदारद थे। हालांकि तेजस्वी के नजदीकी लोगों का कहना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण वे इस समारोह में शामिल नहीं हुए, हालांकि जब यह कार्यक्रम चल रहा था उस समय ट्विटर पर तेजस्वी काफी सक्रिय थे। इसे लेकर अटकलों का दौर जारी है।
पिछले कुछ महीने से समारोह में एक साथ नहीं दिख रहे
पिछले कुछ महीनों से बिहार में बड़े समारोह के आयोजन से राजद को अलग रखने की परंपरा चल पड़ी है। प्रकाश पर्व के दौरान लालू प्रसाद यादव को मंच पर जगह नहीं मिली थी और उसे लेकर जमकर सियासत हुई थी। लालू प्रसाद को भी स्पष्टीकरण देना पड़ा था प्रकाश पर्व के बाद दूसरे बड़े आयोजन बिहार दिवस समारोह में भी लालू प्रसाद के कुनबे की गैर मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बिहार दिवस के कार्यक्रम में भी नहीं दिखे लालू के मंत्री पुत्र
बिहार दिवस समारोह के उद्घाटन समारोह में न तो उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दिखे ना ही स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव मौजूद थे। मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और राजद के कुछ मंत्री उद्घाटन समारोह के दौरान मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान भाजपा कोटे से एमएलसी और बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद थे और मुख्यमंत्री ने दो बार उनका नाम भी लिया।
आमंत्रण पत्र पर नहीं था तेजप्रताप, तेजस्वी का नाम
बिहार दिवस समारोह के दौरान लालू प्रसाद यादव के परिवार से एक भी शख्सियत नहीं दिखा मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव के नाम भी कार्ड पर नहीं छपवाए गए थे। आमंत्रण कार्ड पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम ही छपवाए गए थे दो मंत्रियों की गैर मौजूदगी से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
अटकलें तेज, महागठबंधन में सब ठीक नहीं
लालू यादव के नजदीकी लोगों का कहना है कि भले कोई भी आधार दिया जाए सब जानते हैं कि सरकारी कार्यक्रमों में तरजीह न दिए जाने के कारण दोनों भाई अनुपस्थित थे। हालांकि राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह लालू यादव के दबाव की राजनीति के तहत किया गया है, लेकिन ऐसे घटनाक्रम से इस बात की पुष्टि होती है कि बिहार के महागठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं है।
जदयू ने कहा - लालू दोनों बेटों को निर्देशित ना करें
जनता दल यूनाइटेड के नेता कहते हैं कि उन्हें तेजस्वी और तेजप्रताप के मौजूद न होने का निश्चित रूप से अफसोस है लेकिन अगर लालू यादव अपने बेटों को निर्देशित करना बंद कर दें तो शायद बेटे खासकर तेजस्वी यादव अपनी अलग राजनीतिक पहचान जरूर बना सकते हैं।
इससे पहले भी स्वस्थ्य विभाग के कार्यक्रमों में तेजप्रताप यादव ने नीतीश कुमार के मौजूद रहने के बावजूद खुद को अलग रखा था। लेकिन तेजप्रताप यादव के प्रति लोगों की धारणा है कि वे लालू यादव की बातों को भी अनसुना कर देते हैं। लेकिन तेजस्वी अगर किसी कार्यक्रम से अपने को अलग रखते हैं तो वे यह कदम लालू यादव से मशविरा के बाद ही उठाते हैं।
बिहार दिवस कार्यक्रम में तेजस्वी और तेजप्रताप की गैरमौजूदगी को लेकर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी का कहना है तेजस्वी यादव ने कार्यक्रम में शिरकत करने में असहमति जताई थी।
हालांकि उन्होंने माना कि तेजस्वी यादव का नाम कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र पर नहीं था, लेकिन यह परिपाटी एनडीए के कार्यकाल से ही चली आ रही है। गौरतलब है कि पिछले साल भी दोनों भाइयों ने बिहार दिवस के कार्यक्रम से खुद को अलग रखा था।