BS-3 वाहनों पर लगी रोक: पटना में धनतेरस की तरह मिल रही बंपर छूट
बी 3 मानक वाले वाहनोें पर रोक लगने से दोपहिया वाहन बाजार को सबसे ज्यादा झटका लगा है। पटना में दोपहिया वाहनों पर बंपर छूट देकर उन्हें बेचने की होड़ लगी है।
पटना [दिलीप ओझा]। आप कितनी छूट दे रहे हैं? गोविंद के सवाल पर बिहार मोटर्स टीवीएस शोरूम के प्रोपराइटर पाले खान ने हंसते हुए कहा-दीवाली-धनतेरस के ऑफर से कई गुना ज्यादा। न्यूनतम चार हजार, अधिकतम दस हजार। खरीदार को इससे भी संतोष नहीं हुआ, फिर पूछा-यह तो कम है, कुछ और नहीं दीजिएगा।
गोविंद के दोस्त ने हस्तक्षेप किया-12 हजार तो खुलेआम मिल रही है। आप दस हजार पर ही अटके हैं। बीएस-3 वाहनों पर रोक की खबर से गुरुवार को दोपहिया बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली। शोरूमों में बाइक का मोल-भाव सब्जियों की तरह होता रहा।
35 हजार दोपहिया वाहन फंसे
बीएस-3 मानक वाले वाहनों पर रोक लगने से दोपहिया बाजार को सबसे ज्यादा झटका लगा है। वैसे, बाजार में बीएस-4 मानक वाले दोपहिया भी हैं, लेकिन बिक्री में इनकी हिस्सेदारी महज दस फीसद है।
देनी टीवीएस के प्रोपराइटर अमरजीत सिंह ने बताया कि बिहार में सभी कपंनियों की ओर से हर महीने औसतन 20 हजार दोपहिया की बिक्री होती है। इस समय विभिन्न शोरूमों में करीब 35 हजार दोपहिया अटके पड़े हैं। भारी छूट देकर किसी तरह इन्हें बेचने में हम जुटे हैं।
कार बाजार पर खास असर नहीं
जानकारों की राय में कार बाजार पर इस आदेश का अधिक असर नहीं होगा। दरअसल, अधिकांश कंपनियां बीएस-4 मानक वाली गाडिय़ां ही बना रही हैं। मारुति के अधिकृत डीलर वाउज ऑटोमोबाइल के प्रबंध निदेशक डॉ. राकेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मारुति बीएस-3 गाडिय़ां नहीं बनाती। यह सिर्फ बीएस-4 मानक वाली गाडिय़ां ही बनाती हैं। कुछ मॉडल में बीएस-5 वाहन की तरफ भी कदम बढ़ रहे हैं।
तिपहिया बाजार को भी झटका
बिहार में हर महीने लगभग 3500 तिपहिया वाहनों की बिक्री होती है। इसमें मालवाहक के साथ पैसेंजर तिपहिया भी शामिल हैं। बीएस-3 के साथ बीएस-4 श्रेणी वाले तिपहिया वाहन भी बाजार में हैं। बजाज कंपनी के रीजनल मैनेजर मुरारी कुमार ने कहा कि बजाज जनवरी से पूर्णरूप से बीएस-4 तिपहिया बना रही है। 25 से 30 ही बीएस-3 तिपहिया ही बिहार में होंगे।
हालांकि अन्य कंपनियों के मामले में बीएस-4 मानक वाले तिपहिया की उपलब्धता बहुत कम है। बजाज ऑटो के मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि अनुमान है कि सभी कंपनियों के शोरूमों में इस समय लगभग 3500 से 4000 तिपहिया उपलब्ध हैं।
यह भी पढ़ें: जेल सुपरिटेंडेंट के अॉफिस में हुई अनोखी शादी, जानिए क्या है मामला
ट्रैक्टर का जिक्र नहीं
टै्रक्टर बाजार पर इस आदेश का कितना असर होना, यह देखना अभी बाकी है। न्यू हालैंड ट्रैक्टर के एरिया मैनेजर ओमप्रकाश ने कहा कि इससे जुड़े नोटिफिकेशन में ट्रैक्टर का जिक्र नहीं है। बिहार में औसत हर महीने 4200 ट्रैक्टरों की बिक्री सभी कंपनियां करती हैं। इस समय करीब 5500 ट्रैक्टर विभिन्न कंपनियों के शोरूमों में होने का अनुमान है। इसमें कुछ टर्म3ए मानक वाले हैं जिन्हें बीएस-4 के बराबर समझा जाता है।
450 कॉमर्शियल वाहन फंसे
बिहार में हर महीने औसत 1300 पिकअप सहित अन्य चारपहिया कॉमर्शियल वाहन बिकते हैं। इस समय लगभग 450 वाहन विभिन्न शोरूमों में रहने का अनुमान है। इस बाजार में भी निर्धारित से कम मूल्य पर वाहनों की बिक्री होने की खबर है।
यह भी पढ़ें: महिला पार्षद से छेड़छाड़ के आरोप में भाजपा MLC लालबाबू प्रसाद निलंबित