Move to Jagran APP

बिहार में एक घर ऐसा भी, यहां एक छत के नीचे रहते कई जाति-धर्म के अजनबी!

राजधानी के नकटा दियारा स्थित बिंद टोली में अपने आप में अनोखा 'आबादी घोटाला' का मामला सामने आया है। यहां पता चला है कि एक घर में कई धर्म-जाति क लोग एक साथ एक ही छत के नीचे रहते हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 22 Apr 2017 08:40 AM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 09:45 PM (IST)
बिहार में एक घर ऐसा भी, यहां एक छत के नीचे रहते कई जाति-धर्म के अजनबी!

पटना [जेएनएन]। बिहार की राजधानी पटना में एक घर ऐसा भी है, जिसमें कई जाति-धर्म के लोग साथ रहते हैं। खास बात यह है कि ये सभी अजनबी हैं। चौंकिए नहीं, यह सद्भाव की कोई सुखद कहानी नहीं, अपनी तरह का अनोखा 'आबादी घोटाला' है। यह घोटाला हुआ है राजधानी के नकटा दियारा स्थित बिंद टोली में। 

loksabha election banner

जातीय आधार पर निजी सेनाओं के गठन, इस आधार पर चुनाव में मतदान आदि के लिए चर्चा में रहे बिहार में अगर विभिन्न जातियों व धर्मों के लोग एक ही घर की छत तले एक परिवार की तरह रहें तो यह बात आकर्षित करती है।

राजधानी के नवसृजित वार्ड 22 सी की वोटर लिस्ट में ऐसा देखकर लोगों का ध्यान बरबस चला गया। लेकिन, पड़ताल में यह सामाजिक समरसता का नमूना नहीं, बल्कि नगर निगम चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया गया घोटाला नजर आया। यह सर्वजातीय वृहद परिवार सिर्फ मतदाता सूची में है। 

दरअसल, नकटा दियारा पंचायत की पुनर्वासित बिंद टोली के करीब 265 लोगों का नाम नगर निगम क्षेत्र में जोड़ दिया गया। यहां बनाई गई मतदाता सूची में फर्जीवाड़े के निशान छूट गए। वोटर लिस्ट में गृह संख्या को 1 या 100 दर्ज कर दिया। ऐसे गृह में 50 से 65 लोगों के नाम शामिल कर दिए गए। वार्ड 22-सी की मतदाता सूची में सर्वाधिक बड़ा परिवार गृह संख्या-1 है। इस परिवार में सवर्ण को छोड़कर प्राय: सभी जातियों के नाम शामिल कर दिए गए। 

गृह संख्या एक में वोटर क्रमांक 9236 पर भगीरथ महतो तो 9240 पर मिथिलेश चौधरी हैं। इसी घर में सत्यनारायण पंडित के पुत्र का नाम क्रमांक 9257 पर है तो नीरज ठाकुर का क्रमांक 9244 है। मुस्लिम समुदाय की साइना नाज से लेकर धर्मेन्द्र साव और राजकिशोर पासवान को भी इसी घर का निवासी बताया गया है। 

यह भी पढ़ें: पृथ्वी को बचाने में जुटे ये लोग, आप भी ऐसे कर सकते अपना योगदान 

बीडीओ को सुधार का जिम्मा

वार्ड 22-सी की मतदाता सूची में बिंद टोली के लोगों का नाम जोडऩे के खिलाफ जिला परिषद की सदस्य रहीं अलका देवी की आपत्ति पर महिला बाल विकास पदाधिकारी बबीता राय को भौतिक जांच कर फर्जी नाम काटने की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके अनुसार दो बीएलओ ने गड़बड़ी में सुधार तो किया, लेकिन कुछ अन्य कर्मियों ने सुधार नहीं किया। बात राज्य निर्वाचन आयोग तक पहुंची तो स्थल जांच सदर बीडीओ को सौंपी गई है। 

यह भी पढ़ें: भोजपुरी फिल्‍मों में हिट है ये एक्‍ट्रेस, बॉलीवुड में पड़ा था कंप्रोमाइज का दबाव 

गड़बड़ी मिली तो होगी कार्रवाई 

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने कहा कि हर हाल में मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना है। यदि गड़बड़ी मिलेगी तो आयोग की ओर से नियमानुसार कार्रवाई होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.