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Holi 2024: होली के रंग में रंगने लगी राजधानी, बाजारों में उड़ रहे गुलाल

राजधानी के बाजारों में अब होली का रंग चढ़ने लगा है। लोगों ने होली की खरीदारी भी शुरू कर दी है। बाजारों में रंग-बिरंगे अबीर व गुलाल की धूम है। कई परिवारों ने होली के अवसर पर वस्त्रों की खरीदारी भी शुरू कर दी है। बाजारों में एक से बढ़कर एक वस्त्र उतारे गए हैं। होली के दौरान उपयोग की जाने वाली अन्य सामग्री से भी बाजार भरे-पड़े हैं।

By Niraj Kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Mon, 18 Mar 2024 09:51 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2024 09:51 PM (IST)
पटना के बाजारों में होली का रंग चढ़ने लगा है (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, पटना। Patna Holi News: राजधानी के बाजारों में अब होली का रंग चढ़ने लगा है। लोगों ने होली की खरीदारी भी शुरू कर दी है। बाजारों में रंग-बिरंगे अबीर व गुलाल की धूम है।

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कई परिवारों ने होली के अवसर पर वस्त्रों की खरीदारी भी शुरू कर दी है। राजधानी के बाजारों में एक से बढ़कर एक वस्त्र उतारे गए हैं। होली के दौरान उपयोग की जाने वाली अन्य सामग्री से भी बाजार भरे-पड़े हैं।

कपड़ों की हो रही खरीदारी

होली के अवसर पर लोग कुर्ता-पायजामा की खरीदारी खूब कर रहे है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक के लिए नये-नये वस्त्र खरीद रहे हैं। राजधानी के मौर्यालोक परिसर, नेहरू पथ, कंकड़बाग, खादी माल सहित कई जगहों पर वस्त्रों की खरीदारी की जा रही है।

राजधानी के खादी माल के प्रबंध रमेश कुमार का कहना है कि मधुबनी के कलाकारों द्वारा तैयार कुर्ता-पायजामा की काफी मांग है। वहां के कलाकारों ने सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ-साथ रंगीन कपड़े भी काफी खरीद रहे है। यहां पर 500 से लेकर 1500 रुपये तक के कुर्ता पायजामा मुहैया कराया जा रहा है।

साड़ियां का भी है मांग

इसके अलावा के सूती बंडी का भी बाजार काफी बढ़ गया है। वहीं महिलाओं के लिए मधुबनी चित्रकला पर आधारित साड़ियों की भी काफी मांग हाे रही है। यहां पर 500 से लेकर 5000 तक की साड़ी बिक रही है।

मौर्यालोक स्थित केंद्रीय खादी-ग्रामोद्योग आयोग के राज्य निदेशक डॉ. हनीफ मेवाती का कहना है कि होली के मद्देनजर देश के कोने-कोने से वस्त्र मंगाए गए हैं, जिन्हें लोग बेहद पसंद कर रहे हैं। यहां पर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के कलाकारों के वस्त्रों की बिक्री की जा रही है।

मंदिरों के फूलों से बने गुलाल की धूम

राजधानी के मंदिरों में चढ़ाये गए फूलों से बनाये गए गुलाल की धूम है। इस वर्ष डिसेबिलीटी फाउंडेशन एवं तुलिना हर्बल के अरूण प्रकाश का कहना है कि राजधानी के प्रमुख मंदिरों से फूल संग्रह कर गुलाल बनाया जा रहा है।

जिसकी बिक्री राजधानी के खादी माल सहित कई निजी दुकानों पर की जा रही है। गुलाब के फूलों के अलावा हल्दी से भी गुलाल बनाये जा रहे हैं। पेड़ों की पत्तियों से बने हरे रंग भी काफी भा रहे हैं।

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