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Bihar Politics: 'अग्निपरीक्षा' नीतीश कुमार की... मगर टेंशन में कांग्रेस! कुछ विधायक बिगाड़ सकते हैं 'खेल'

विश्वास मत के लिए पहले पांच फरवरी की तारीख थी जो एक सप्ताह आगे बढ़ा दी गई है। अब 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत होगा। इसका कारण जनवरी के पहले सप्ताह में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की व्यस्तता बताई जा रही जबकि राजनीतिक गलियारे में जोड़-तोड़ के प्रयास की चर्चा है। यही कारण है कि कांग्रेस को टेंशन हो रही है।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Published: Fri, 02 Feb 2024 09:49 PM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2024 09:49 PM (IST)
Bihar Politics: 'अग्निपरीक्षा' नीतीश कुमार की... मगर टेंशन में कांग्रेस! कुछ विधायक बिगाड़ सकते हैं 'खेल'
'अग्निपरीक्षा' नीतीश कुमार की... मगर टेंशन में है कांग्रेस! कुछ विधायक बिगाड़ सकते हैं 'खेल'

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में सत्ता परिवर्तन हो चुका है और अब विश्वास मत की बारी है। चूंकि विधानसभा में सत्ताधारी राजग और विपक्षी महागठबंधन के बीच संख्या बल का अंतर मामूली है, ऐसे में सभी पार्टियों के लिए अपने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती है। कांग्रेस के लिए यह चुनौती कुछ अधिक है, क्योंकि वहां कई चंचल चित्त वाले भी हैं।

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हालांकि, उन्हें राहुल गांधी समझा-बुझा चुके हैं और अब कांग्रेस मान रही कि वे कूद-फांद नहीं करेंगे। महागठबंधन को छोड़कर नीतीश कुमार भाजपा के सहयोग से 28 जनवरी को ही अपनी नई सरकार का गठन कर चुके हैं।

अब पांच नहीं 12 फरवरी को होगा फ्लोर टेस्ट

विश्वास मत के लिए पहले पांच फरवरी की तारीख थी, जो एक सप्ताह आगे बढ़ा दी गई है। अब 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत होगा। इसका कारण जनवरी के पहले सप्ताह में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की व्यस्तता बताई जा रही, जबकि राजनीतिक गलियारे में जोड़-तोड़ के प्रयास की चर्चा है।

कांग्रेस भी इसे खतरे की घड़ी मान रही। छह वर्ष पहले वह भुगत भी चुकी है। तब तीन विधान पार्षदों (रामचंद्र भारती, दिलीप चौधरी, तनवीर अख्तर) को लेकर पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी जदयू के साथ हो लिए थे। चौधरी स्वयं भी विधान पार्षद थे। मंत्री पद के रूप में उन्हें उसका उचित प्रतिदान भी मिला था।

कांग्रेस के विधायकों पर इस बार भी डोरे डाले जा रहे। कुछ लोगों का मन डांवाडोल भी हो रहा। इसकी भनक राहुल गांधी तक पहुंची। भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर बिहार पहुंचे राहुल ने किशनगंज में दोपहर विश्राम के बीच सभी विधायकों को बुलाकर समझाया और आश्वस्त हुए कि वे सभी कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं।

बिहार कांग्रेस नेताओं के साथ आलाकमान का चुनावी परामर्श दिल्ली में

सत्ता के साथ बिहार का राजनीतिक समीकरण भी बदल चुका है। ऐसे में कांग्रेस अब नए समीकरण के हिसाब से अपनी चुनावी रणनीति बना रही। इसके लिए आलाकमान ने शनिवार को दिल्ली में बिहार कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई है। शनिवार शाम पांच बजे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक होगी। उसके लिए प्रमुख नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं।

आइएनडीआइए के तहत बिहार के राजनीतिक दलों से हुई बातों का बदली परिस्थितियों में बहुत मतलब नहीं रहा। अब यहां आइएनडीआइए का स्वरूप दूसरा होगा। लोकसभा चुनाव सहित संगठन और गठबंधन से जुड़े दूसरे कई मुद्दों भी बात होगी। विचार-विमर्श के लिए प्रदेश अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावा पार्टी के सभी विधायक, विधान पार्षद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व किशनगंज के सांसद मो. जावेद दिल्ली पहुंचे हैं।

यह माना जा रहा है कि आइएनडीआइए से जदयू के बाहर जाने के बाद बिहार में कांग्रेस अपने खाते में अधिक सीटों की मांग करेगी। पहले उसका दावा 11 सीटों से होते हुए नौ तक आया था। हालांकि, गठबंधन में दो बड़े भाइयों के होने की स्थिति में उसके लिए इतनी सीटों की संभावना नहीं बन रही थी।

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