मोदी सरकार के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन छेड़ेंगे लालू
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मंगलवार को कहा कि महागठबंधन की ग्रेट विक्ट्री होगी। मैं गदगद हूं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार का गठन तय है।
पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मंगलवार को कहा कि महागठबंधन की ग्रेट विक्ट्री होगी। मैं गदगद हूं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार का गठन तय है।
सज-धजकर बिहार को हड़पने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार व मंसूबे को प्रदेश की जनता ने चकनाचूर कर दिया। बिहार में सरकार गठन के बाद मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन के लिए मैं देश भर का दौरा करूंगा। शहरों में रात के समय माइक से अपनी सभा का खुद प्रचार करूंगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलन में नीतीश कुमार नहीं जाएंगे, क्योंकि वे मुख्यमंत्री रहेंगे।
लालू ने मंगलवार को चुनाव प्रचार से सीधे राजद दफ्तर पहुंचकर संवाददाताओं से बात की। बताया कि उनके द्वारा 243 चुनावी सभाएं की गईं। सभाओं में भीड़ व जनता का उत्साह भांपकर साफ तौर पर लगा कि ग्रेट विक्ट्री है।
प्रदेश की जनता के प्रति आभार जताते हुए लालू ने कहा कि आपने मोदी के मंसूबे पर पानी फेरकर हमारे ऊपर बहुत बड़ा कर्ज लाद दिया है। मेरी कोशिश होगी होगी कि कोई भी व्यक्ति उदास नहीं रहे।
कोई यह नहीं समझे कि उसके साथ भेदभाव हो रहा है। यह देश सभी लोगों का है। बकौल लालू, बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी कांटों से भरी है। इस कुर्सी पर बैठे स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर, भोला पासवान शास्त्री और सत्येंद्र नारायण सिन्हा को भी परेशान किया गया।
लालू ने कहा कि मुझको सूचना है कि बिहार चुनाव परिणाम के दूसरे दिन प्रधानमंत्री अपने पद से इस्तीफा कर देंगे। सुनने में आया है कि मोदी ने कहा कि बिहार में यह उनकी आखिरी सभा है।
उनको ऐसा नहीं कहना चाहिए था। राजनाथ सिंह को जब कहना पड़ रहा है कि अमित शाह अपने पद पर बने रहेंगे तो जाहिर है कि उनको हटा दिया जाएगा।
नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर लालू जमकर बरसे। कहा कि मोदी ने बिहार में अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा छोड़ा था, जिसको रोकने मेंराजद-जदयू व कांग्रेस का अभियान पूरी तरह से सफल रहा है।
कहा कि मोदी सरीखा आदमी देश को पहली बार मिला है। आरक्षण के मामले में मजिस्टे्रट चेकिंग में पकड़े गए तो कहा कि हम लोग धर्म के आधार पर आरक्षण की साजिश रच रहे हैं, जबकि भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की इजाजत नहीं देता है। इसके बावजूद लोगों के बीच भ्रम उत्पन्न करने की कोशिश की गई, जिसकी लोगों ने नोटिस तक नहीं ली।