'भोजपुरिया फिल्म स्टाइल' और 'दबंग गैंग' बना छात्र देते थे घटना को अंजाम
मुजफ्फरपुर केंद्रीय विद्यालय छात्र पिटाई मामले में नया खुलासा सामने आया है। आरोपित छात्र रंगदारी और अपहरण की घटनाओं को भी अंजाम देते थे। ये फिल्मी स्टाइल में अपराध करते थे।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। छात्र की पिटाई को लेकर सुर्खियों में आए केंद्रीय विद्यालय गन्नीपुर के दबंग छात्रों के कई कारनामे सामने आ रहे हैं। पैसा व दबंगई के लिए ये रंगदारी से लेकर अपहरण की घटनाओं को भी अंजाम देते थे। स्कूल में ही वे अन्य छात्रों को फिल्मी स्टाइल में अपहरण, रंगदारी, छिनतई आदि की ट्रेनिंग भी देते थे।
यह मामला सामने आया स्कूल के ही एक छात्र के अपहरण के बाद। एक खेत से बरामद उक्त छात्र के पिता ने मामले की शिकायत स्कूल प्रबंधन व पुलिस से भी की। मगर, दोनों स्तर से मामले को दबाए रखा गया। अगर शिकायतों पर कार्रवाई होती तो शायद ऐसी घटना नहीं होती।
घर से बुलाकर किया अगवा
केंद्रीय विद्यालय के आठवीं के एक छात्र को 23 अगस्त को घर से बुलाकर 'दबंग गैंग' ने अगवा कर लिया। वापस नहीं लौटने पर पिता ने मामले की सूचना सदर थाना को दी। इस बीच उन्हें फोन आया कि आपके बेटे के पीछे हमने खर्च किया है। जो भी पैसा है लेकर रामदयालु से कुढऩी के बीच एक सेमल के पेड़ के पास आ जाइए।
28 अगस्त की सुबह घर में रखे 43,165 रुपये लेकर उसके पिता बताए स्थान पर गए। वहां यह राशि रख बेटे को दबंगों से मुक्त कराया। इसी समय उन्होंने सदर थाना को इसकी सूचना दी। मगर, यहां भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
छात्र के पिता ने बताया कि एक माह बाद 23 सितंबर को नगर डीएसपी आशीष आनंद ने उन्हें बुलाया व नया आवेदन लिया। मगर, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं 29 अगस्त को उप प्राचार्य आरके सिंह को मामले का आवेदन दिया। उन्होंने भी कार्रवाई की बात कही। मगर, यहां भी मामला दबाए रखा गया।
अलग-अलग जगहों पर रखा
मुक्त होने के बाद छात्र ने बताया कि पहले दिन उसे ओरिएंट क्लब स्थित एक मकान में रखा गया। अगले दिन सभी पटना चले गए। शाम में वहां से लौटने के बाद विद्यालय में ही रह गए। इसके बाद अगले दिन से विद्यालय के पास ही एक मकान में रखा गया। यहीं से रामदयालु-कुढऩी के बीच एक खेत में ले जाया गया।
चलता भोजपुरिया स्टाइल
दलित छात्र पिटाई मामले में आरोपित दो जुबनाइल का नाम भी इससे जोड़ा जा रहा। दोनों की दबंगई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसे शिक्षक से लेकर कर्मचारी तक 'कप्तान' कहते थे। वहीं दूसरे को उप कप्तान।
स्कूल में ही ये दूसरे छात्रों को भोजपुरिया फिल्म स्टाइल में अपहरण करने से लेकर बाइक छिनतई, रंगदारी आदि की ट्रेनिंग देता। छात्र की पिटाई के वायरल होने से स्कूल प्रबंधन व प्रशासन ने कार्रवाई की। मगर, इससे पहले इस तरह की शिकायतों पर किसी ओर से ध्यान नहीं दिया गया। इससे ही यहां दबंगई बढ़ती चली गई।