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अपनी आंखों के सामने करवाया अपना श्राद्धकर्म, ग्रामीणों को खिलाया भोज

मुजफ्फरपुर में 50 साल के एक अविवाहित आदमी ने जीते जी अपना अंतिम श्राद्धकर्म करवाया। साथ ही लोगों को भोज भी खिलाया।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 07:56 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 08:58 PM (IST)
अपनी आंखों के सामने करवाया अपना श्राद्धकर्म, ग्रामीणों को खिलाया भोज

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। जिले के सरैया के मनिकपुर दरबार के रविशंकर ने जीते जी अपना श्राद्धकर्म कर लोगों को चौंका दिया। हाईस्कूल मनिकपुर के पूर्व प्रधानाध्यापक बद्री नारायण सिंह के पुत्र रविशंकर के श्राद्धकर्म को देखने व इसमें शामिल होने को लेकर दूर-दराज से सगे-संबंधी व ग्रामीण पहुंचे। 

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जीवन का 50वां सावन पार कर चुके अविवाहित रवि शंकर ने बताया कि मैं तीर्थ, सामाजिक कार्य तथा मानव सेवा करना चाहता हूं। साथ ही कर्मकांड में वर्णित तथ्यों के आधार पर मैं अपना भार परिजन को नहीं देना चाहता। इसलिए अपना श्राद्धकर्म खुद किया हूं। इससे युवाओं के लिए भूल चुके कर्मकांड को पुनर्जीवित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 

वहीं, श्राद्धकर्म करा रहे कर्मकांडी आचार्य नित्यानंद दुबे और प्रमोदानंद द्विवेदी ने कहा कि प्राचीनकाल में मनीषियों व कई प्रतापी राजाओं ने जीवनकाल में ही अपना श्राद्धकर्म कराया। साथ ही जीवनकाल में वैदिक रीति में जीते जी अपना श्राद्धकर्म करने का विधान है।

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यह कहीं से गलत नहीं है। रविशंकर ने श्राद्धकर्म के दौरान  दान-पुण्य भी किया। साथ ही परंपरा का निर्वहन करते हुए हजारों लोगों को श्राद्ध का भोज श्रद्धा के साथ खिलाया। फिलहाल इसे लेकर क्षेत्र में चर्चाएं जारी हैं। 

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