अरहर के बाद मूंग दाल बिगाड़ रहा जायका
बांका। बढ़ती महंगाई में दाल के आसमान छूती कीमत ने लोगों को दाल-रोटी पर भी मुश्किल कर दिया है।
बांका। बढ़ती महंगाई में दाल के आसमान छूती कीमत ने लोगों को दाल-रोटी पर भी मुश्किल कर दिया है। जिला भर के विभिन्न क्षेत्रों के छोटे-बड़े बाजारों के लिए मुख्य दाल क्रय का केन्द्र बांका है। लेकिन, यहां मध्य प्रदेश से आने वाली दाल की लॉबी कम हो गयी है। लॉबी संचालकों का कहना है कि एमपी में दाल का स्टॉक कम हो रहा है। वहीं दाल की मांग के अनुपात में आपूर्ति कम होने के कारण कीमतें बढ़ रही है। एमपी के स्टॉकिस्ट के सप्लाई में नरमी आते ही स्थानीय महाजन ने भी दाल की कीमतें बढ़ानी शुरू कर दी है।
बाजार के थोक विक्रेता अजय साह का कहना है कि बाहरी सप्लाई कम होने पर स्थानीय महाजन बोली बढ़ाने में लग गया है। ऐसा उत्पादन कम होने पर होता है। किसानों के पास दाल ही नहीं है तो हम कहां से लाएंगे। एमपी के साथ स्थानीय महाजनों ने भी पिछले एक महीने से स्टॉक सप्लाई कम कर दिया है। वहीं बाजार के जिस थोक विक्रेता के पास पहले का स्टॉक है। उसी का दाल बाजार में बिक रहा है। नतीजा, दाल के आसमान छूती कीमत में लोगों को दाल रोटी पर भी मुश्किल होने लगा है। सब्जियों की कीमत में पहले से ही आग लगी हुई है। वहीं अब दाल की कीमत भी लोगों को रूलाने लगी है। विजय नगर की गृहणी स्वेता सिन्हा बताती हैं कि उनके घरेलू बजट पर दाल की कीमत बढ़ गई है। वहीं आनंद कॉलोनी की अंजली पूष्पा का कहना है कि वह महीना में तिन किलो की जगह दो किलो दाल से ही काम चलाने पर मजबूर है।
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दाल पहले की कीमत बढ़ी कीमत
अरहर 120 140
मूंग 90 110
चना 80 100
मंसूर 70 80