नक्सल प्रभावित बूथ पर खर्राटे मारते रहे दरोगा जी
बांका। छठे चरण का मतदान बांका में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। उन इलाकों में भी ताबड़तोड़ मतदान हु
बांका। छठे चरण का मतदान बांका में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। उन इलाकों में भी ताबड़तोड़ मतदान हुए, जो पुरी तरह नक्सली मांद में माना जाता है। परंतु नक्सल प्रभावित सभी बूथों पर पुलिस प्रशासन की उदासीनता साफ झलक रही थी।
जानकारी के मुताबिक ऐसे मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा की दृष्टि से तैनात किए गए जवान असहाय दिख रहे थे। ज्ञात हो कि बीते कुछ माह पहले ही बांका क्षेत्र के छत्रपाल, लोधम पंचायत के आसपास नक्सली घटना घट चुकी थी। बावजूद संवेदनशील मतदान केन्द्र का जिम्मा सिपाही व होमगार्ड को दे दिया गया था। दुधियातरी में कुछ माह पूर्व नक्सलियों ने पुल निर्माण कार्य में व्यापक खलल डाला था। जेसीबी व वाहन को आग के हवाले कर क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी। नौ बजे तक करीब 43 वोट गिरे थे। सुरक्षा में सिपाही व होमगार्ड के जवान तैनात थे। जबकि इनका नेतृत्व करने वाले एसआई दिनेश प्रसाद यादव गहरी नींद में सोए हुए थे। ऐसे में अगर, विपरीत स्थिति पैदा हो जाती, तो एसआई की नींद तो खुल जाती पर होश आने में देर हो जाता। नक्सल प्रभावित अन्य मतदान केन्द्र की स्थिति सुरक्षा की दृष्टि से अमूमन एक जैसी थी। दुधियातरी नक्सली कांड के ही समय रतौठिया में भी दो जेसीबी को आग के हवाले कर दिया गया था। यह क्षेत्र भी पूरी तरह सुदूर इलाके में है। यहां का मतदान केन्द्र में भी अर्धसैनिक बल नदारद थे। अल सुबह से ही मतदान केन्द्रों पर मतदाता वोट डालने पहुंच रहे थे। इन क्षेत्रों की महिलाओं में वोट के प्रति अजब भावना दिख रही थी। किसी भी मतदान केन्द्र पर महिलाओं की उपस्थिति कम नहीं दिखी। प्राथमिक विद्यालय पिपरा में आठ बजे के लगभग करीब 74 वोट पड़े थे, जबकि वोटरों की संख्या 519 थी। मतदान केंन्द्र पिडरौन में साढे नौ बजे के लगभग 94 वोट पड़े थे। कुछ देर बाद प्रोम विद्यालय हीरमोती पहुंचने पर वहां 135 वोट पड़ने की जानकारी मिली। रतौठिया में नौ बजकर 54 मिनट पर 108 वोट गिर चुका था।